पोहरी। प्रदेश में होने वाले उपचुनावों पर सबकी नजरे टिकी हुई है। चुनाव लड रहे प्रत्याशियों का भविष्य तो यह चुनाव तय करेगा ही खासकर उन प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य दांव पर लग चुका है जिन्होने कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की है और भाजपा ने उन लोगों को उम्मीदवार बनाया है। उनके लिये यह चुनाव आर या पार की स्थिति वाला होगा। यह चुनाव तय करेगा कि उनका राजनीतिक भविष्य उज्ज्वल होगा या नहीं है। वहीं यह चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिये इसलिये महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कांग्रेस को 15 वर्षाे बाद सत्ता में मौका मिला था जिसके चलते वह मध्यप्रदेश में अपनी मजबूत पैठ बनाना चाह रही थी लेकिन कांग्रेस से बागी हुए विधायको ने पानी फेर दिया। अब कांग्रेस उस मौके को वापस भुनाने के लिये पूरी मेहनत कर रही है। कांग्रेस को मध्यप्रदेश में अपना प्रभाव जमाने के लिये किसी भी सूरत में फिर से प्रदेश की कमान हाथ में लेने के लिये जोर आजमाईश करना ही पडेगी और इसके लिये वो कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। वैसे तो पूरे प्रदेश में जहां भी उपचुनाव हो रहे है वो सीट हाईप्रोफाईल सीट ही मानी जा रही है। लेकिन शिवपुरी जिले की पोहरी सीट कई मायनों में हाई प्रोफाईल सीट है, जिस पर सभी की नजर है।
यदि शिवपुरी जिले की पोहरी सीट पर नजर डाले तो यहां कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुये सुरेश राठखेड़ा भाजपा के उम्मीदवार है वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला को मैदान में उतारा है। भाजपा को प्रदेश में सरकार होने का फायदा मिल सकता है वहीं भाजपा ने जिनको प्रत्याशी बनाया है सुरेश धाकड़ वे राज्य मंत्री है इसका लाभ भी उन्हें मिल सकता है, इसमें उन्हें मेहनत बहुत करना पडेगी।भाजपा का कैडर मजबूत है, कार्यकर्ताओं की फौज है, उनकी युवा मोर्चा की बिंग मजबूत दिखाई दे रही है,कई बड़े नेता कार्यकर्ताओं में जोश भरने बैठक भी ले चुके हैं वहीं कांग्रेस के पास न केवल कार्यकर्ताओं की कमी दिख रही है बल्कि बड़े नेताओं का रुख अभी इस सीट पर नहीं दिखाई दिया है, ऐसे में स्तिथि साफ है कि भाजपा का पलड़ा भारी है।
