उपचुनाव: मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनावों के लिए जब से टिकिट तय हुए हैं पोहरी कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है, हालाकिं कांग्रेस में उथल पुथल उसी समय से जारी है जबसे सिंधिया कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए । पोहरी से टिकिट की चाहत रखने वाले लोगों की एक लंबी सूची थी जिसमें से पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला बाजी मार गए,हालांकि शुक्ला के टिकिट का विरोध तमाम कांग्रेसियों ने भोपाल जाकर पीसीसी चीफ कमलनाथ के समक्ष किया था, जिस पर कमलनाथ ने कहा कि सर्वे में जिसका नाम सबसे ऊपर होगा टिकिट उसे ही मिलेगा ।
पार्टी के अंदरखाने से यह बात भी निकल कर सामने आ रही थी कि कुछ सिंधियाई नेता कांग्रेस में इसलिए भी रुके है कि टिकिट मिल जाए,टिकिट तय होने के बाद कई ऐसे नेता हैं जो सिंधिया शरणं गच्छामि होंगें, इन नेताओं में पहला नाम एन. पी. शर्मा का सामने आ रहा है, सूत्रों की मानें तो वे सिंधिया के समक्ष भाजपा की सदस्यता आज ले सकते हैं, हालांकि इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि वे टिकिट न मिलने से नाराज हैं और उन्हें मनाने कांग्रेस प्रत्याशी सहित प्रभारी राजकुमार पटेल उनके घर गए लेकिन बात नहीं बनी । एन पी शर्मा मंडी अध्यक्ष रहे हैं और2008 में कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव भी लड़े लेकिन से हार गए थे। टिकिट की दौड़ में शामिल पोहरी जनपद अध्यक्ष प्रद्युम्न वर्मा भी टिकिट वितरण के बाद से न तो क्षेत्र में दिखाई दिए और न ही सोशल मीडिया पर, अब उनका अगला कदम क्या होगा ये अभी तय नहीं, इसके बाद टिकिट की दौड़ एक बड़ा नाम शामिल था विनोद वकील का,जो लंबे समय से पार्टी का झंडा बुलंद करते हैं, विनोद सिंधिया के बहुत ही करीबी नेताओं में शुमार थे लेकिन वे सिंधिया के साथ भाजपा में नहीं गए क्योंकि उन्हें आशा थी कि पार्टी उन्हें टिकिट देगी इसके लिए उन्होंने भोपाल से लेकर दिल्ली तक मैराथन भी की,लेकिन टिकिट मिला हरिवल्लभ शुक्ला को ,अब विनोद वकील सिंधिया के साथ होंगे या फ़िर निष्ठावान कार्यकर्ता के नाते पार्टी के लिए काम करेंगे कुछ कहना जल्दबाजी होगी, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनके निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की खबरें हैं, अब ये सच्चाई है या फिर कयास ही हैं ये तो आने वाला वक़्त ही बता पाएगा लेकिन एक बात तो तय है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है ।
इन सबसे अलग कांग्रेस के एक और युवा नेता जिन्होंने भाजपा प्रत्याशी सुरेश राठखेड़ा ( तब के कांग्रेसी ) के लिए खूब मेहनत की,निर्दलीय चुनावी मैदान में है, हालांकि वे टिकिट न मिलने से नाराज होकर चुनावी मैदान नहीं है बल्कि भाजपा प्रत्याशी से नाराज होकर चुनाव लड़ रहे हैं ताकि उनकी राह को मुश्किल किया जा सके,इस बात को वे स्वीकार कर चुके हैं
