पोहरी: उपचुनाव में एक ही सीट से हर एक दल में आधा दर्जन से अधिक दावेदार थे,भाजपा में भले ही सब कुछ तय था तब कुछ लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि टिकिट के समीकरण बदल सकते हैं अब प्रत्याशी ही घोषित हो गया। कांग्रेस में टिकिट की माँग करने वालों की फेरिहस्त लंबी थी जिनमें से पार्टी ने पूर्व विधायक पर भरोसा जताया है, टिकिट फाइनल होने के बाद से अभी तक प्रत्याशी को खुले तौर पर अन्य दावेदारों की ओर से समर्थन नहीं मिला है,इनमें से एक ने तो निर्दलीय ताल ठोक दी है और एक और के निर्दलीय मैदान में आने की अटकलें लगाई जा रही हैं, यानी कहा जाए तो पार्टी को भितरघात की आशंका है। वहीं दूसरी ओर भाजपा मजबूत दिखाई दे रही है क्योंकि राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी की भाजपा प्रत्याशी को अपनी ही पार्टी के पूर्व विधायक जो 2018 के आम चुनाव में प्रतिद्वंद्वी रहे,उनसे भितरघात हो सकता है लेकिन अब पूर्व विधायक खुले तौर भाजपा प्रत्याशी का न केवल समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं बल्कि गांव गांव जाकर भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट भी मांग रहे हैं और जनता को आश्वस्त भी कर रहे हैं कि विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी,इसे भाजपा का संगठन पर मजबूत पकड़ की दृष्टि से देखा जा रहा है । अब यदि यही हाल रहा तो भाजपा की राह आसान दिखाई दे रही है
