पोहरी-राजमाता विजयाराजे सिंधिया का स्वभाव एक वात्सल्य मयी माँ का रहा है, उनका व्यक्तित्व विशाल था और स्वभाव सरल और सौम्य था,वे सदैव ही जनसेवा से करती रहीं तभी राजमाता से लोकमाता की उपाधि उनको मिली यह बात मध्यप्रदेश सरकार के राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही ।उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जन सेवा के प्रति समर्पित कर दी, ‘अपने विशाल व्यक्तित्व, अपने सौम्य स्वभाव और लोगों के साथ आसानी से मिलने-जुलने वाली राजमाता कई लोगों के लिए प्रेरणा की स्रोत हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, ‘जनसंघ और बीजेपी के लिए किए गए उनके महान प्रयासों को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने सत्ता में बैठे लोगों द्वारा दी जाने वाली हर तरह की धमकियों, धौंस और उनके कुटिल इरादों से पार पाते हुए बिल्कुल निडर होकर आपातकाल का पुरजोर विरोध किया था।’ उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी लोगों की सेवा में समर्पित की। वह बहादुर, दयालु और देश के लिए एक भविष्यवादी दृष्टि से समृद्ध थीं।
राजमाता विजयाराजे सिंधिया के जन्म शताब्दी समारोह का समापन आज (12 अक्टूबर) उनकी जयंती के अवसर पर होगा. इसका मुख्य कार्यक्रम नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विजयाराजे सिंधिया की स्मृति में 100 रुपये का सिस्का जारी करेंगे ।यह उनके जन्मशताब्दी उत्सव का हिस्सा है और उनके महान व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि देने का एक मौका." । राज्यमंत्री ने कहा कि ‘अम्मा महाराज ने भारतीय जनता पार्टी को खड़ा करने में बहुत मेहनत की। मंत्री ने भावुक होकर कहा कि मुखे इस बात की बहुत ख़ुशी है कि जिस पार्टी को मेरी मां ने खड़ा किया उस पार्टी को कार्यकर्ताओं ने आज इतने बड़े स्तर पर खड़ा कर उसकी साख बनाई है’। और ये मेरा सौभाग्य है कि मुझ पर इस परिवार का सदा ही आशीर्वाद और मार्गदर्शन रहा है, और उनके द्वारा स्थापित पार्टी का आज मैं सामान्य से कार्यकर्ता के तौर पर उनका अनुसरण कर रहा हूँ ।
