बारा- मंगल प्रवचन में जैन नसिया बारां मे अपने मंगल उदबोधन मे मुनि श्री ज्ञेय सागर जी महाराज ने कहा "इच्छा निरोधा तप" जानकारी देते हुए प्रवीण जैन बारा ने बताया कि मुनि श्री मंगल सन्देश देते हुए कहा, आज असीमित इच्छा के कारण आम आदमी अपना जीवन तनाव मे जी रहा है। इच्छा को सीमित करके हम तनाव को कम कर सकते है। सफर मे जितना समान कम होता है, सफर उतना ही आराम दायक होता है।
मुनि श्री ने कहा उसी प्रकार जीवन जितना संयम होगा, जीवन का सफर उतना ही आराम दायक होगा। हमें अपनी इच्छा को रोकना आना चाहिए। क्योकि सभी इच्छा का पूरा होना जरूरी नहीं है, इच्छा को पूरा करने के लिए हमें नियमित प्रयास करना चाहिए। असफलता हमें सफलता की और ले जाती है। जीवन कभी भी निराश नहीं होना चाहिए।
विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए मुनि श्री ने कहा सकरात्मक सोच के साथ प्रयास करने वाला आदमी हमेशा सफलता की और अग्रसर होता है। हमेशा बड़ा सोचे,अच्छा सोचे। ईमानदारी के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रयास करें। अगर आपको कोई परेशानी मे है, अपने से बड़ो,और गुरूजनों की सलाह ले।
अन्त में उन्होंने कहा गुरू कभी भी गलत सलाह नहीं देते, गुरु द्वारा बताए मार्ग पर आप सफलता को प्राप्त कर सकते है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी