ईटखोरी -ईटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर व भदलपुर तीन धर्मों का विश्व का प्रसिद्धत्तम स्थल है। इसलिए मानव को यहां मिल-जुलकर रहना चाहिए। इसका संदेश भी यह धार्मिक स्थल देता है। यह बात सोमवार को परम पूज्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने सोमवार को इटखोरी भदलपुर जैन मंदिर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने आगे कहा कि जैन तीर्थंकर का जहां जन्म होता है, वह स्थल अयोध्या के समान पवित्र होता है। और इसी भदलपुर स्थल में हमारे 10वें तीर्थंकर भगवान शीतलनाथ स्वामी जी का जन्म हुआ है। जो ऐतिहासिक है। उन्होंने आगे कहा कि तुलसीदास जी ने सनातन धर्म को काफी सुदृढ़ कर एक सूत्र में बांधा है। यह बहुत बड़ा संदेश है। महाराज ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हर व्यक्ति को देश प्रेम को सबसे ऊपर रखना चाहिए। यही हमारी भारत की राष्ट्रवाद नीति है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भारत गुलाम क्यों हुआ, उस समय राजा पर ही लड़ाई की भरोसा छोड़ दिया करते थे। इसलिए अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाए तो देश को बचाने के लिए सबको एक होने की जरूरत है। क्योंकि सब लोगों का सहयोग से ही कोई भी कठिन कार्य छोटा, संभव और सफल होता है। मोह माया से दूर रहकर लोगों को सत्कर्म करनी चाहिए।ऐसा करने से हीं आपका और देश का कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में कई तीर्थंकरों का जन्म हुआ है। इसलिए भगवान शीतलनाथ का भी जन्म अयोध्या में हीं होनी चाहिए। मगर यह संजोग है। और दोनों धार्मिक स्थल बहुत ही पवित्र है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
