खिमलासा-आदिनाथ जिनालय खिमलासा में आयोजित 1008 भगवान आदिनाथ के मोक्ष कल्याणक पर मुनिश्री विमलसागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह संसार मेंहदी की तरह ऊपर से हरा-भरा दिखने वाला है, परन्तु उसके भीतर परमात्मा रूपी लाली छुपी होती है। उस आत्मा को ही परमात्म पद मिलता है, जो इस संसार में रहकर अपने पुरुषार्थ के माध्यम से पाता है। यह बात सत्य है कि यह संसार मोह का सघन अंधकार है। आज का मोक्ष कल्याणक ऐसी ही महान आत्माओं के पुरूषार्थ की याद दिलाता है, जिन्होंने गर्भ से लेकर केवल ज्ञान तक की यात्रा धैर्य और दृढ़ता के साथ पुरुषार्थ में वृद्धि कर अपने लक्ष्य को प्राप्त किया।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
