प्राकृ़तिक साैंदर्य के बीच इस धरा का राेम-राेम पुण्यशाली है प्रसन्न ऋषि: आचार्य

आचार्य ने गणाचार्य पुष्पदंत सागरजी का पादप्रक्षालन कर लिया आशीर्वाद
पुष्पगिरी-गणाचार्य जी से मिलकर उनका इतना वात्सल्य पाकर मन प्रफुल्लित है। प्राकृतिक सौंदर्य के बीच इस धरा का रोम-रोम पुण्यशाली है। क्योंकि इस धरा पर तीर्थंकर विराजमान हैं। आज इस पुण्य धरा के दर्शन पाकर मैं धन्य हो गया हूं।
यह बात भगवान चिंताहरण पारसनाथ ऋषि तीर्थ प्रणेता निर्यापक आचार्य प्रसन्न ऋषि जी  महाराज ने सोमवार को पुष्पगिरि तीर्थ पर उपस्थित भक्तों से कही। 
प्रवक्ता रोमिल जैन ने बताया कि आचार्य प्रसन्न ऋषि जी  महाराज का मंगल आगमन सोमवार को तीर्थ पर हुआ। उनकी अगुवानी के लिए तीर्थ प्रणेता गणाचार्य पुष्पदंत सागरजी महाराज, संघस्थ मुनि सौरभ सागरजी व क्षुल्लक पर्वसागरजी महाराज सहित ससंघ संत तीर्थ के समीप देवास-भोपाल राजमार्ग पर पहुंचे। जहां गणाचार्यजी का आचार्य से आत्मीय मिलन हुआ। गणाचार्य ने आचार्य प्रसन्न ऋषि को आशीर्वाद देकर गले लगाया। आचार्य ने तीर्थ के मंदिरों के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने गणाचार्य का  पादप्रक्षालन कर पुण्यार्जन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गुरु भक्त उपस्थित थे।
                 संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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