चौपारण-संत शिरोमणि आचार्य श्री 108 विधासागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य गुणायतन प्रेणता, तरुणाई के प्रखर वक्ता भावना योग प्रवर्तक, शंका समाधान के जनक परम पूज्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज एवं मुनि श्री 108 अरहसागर जी महाराज के चरण कमल झारखंड राज्य के हजारीबाग जिले के चोरदाहा पंचायत में पड़ते ही झारखंडियों का मन प्रफुल्लित हो नतमस्तक हुए।मालूम हो कि शंका समाधान के जनक परम पूज्य मुनि श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज का जन्मस्थली हजारीबाग है। जिससे यहां के जैन-अजैन अपने आप को गौरवान्वित हुए जब 8 वर्ष के बाद मुनिवर प्रमाण सागर जी महाराज का चरण कमल में तीर्थंकरों की शाश्वत भूमि श्रीसम्मेद शिखरजी झारखंड प्रांत की सीमा चोरदाहा में शनिवार को मंगल प्रवेश हुआ। मुनिवर के साथ बड़ी संख्या में अलग-अलग राज्यों के अलावा देश-विदेश से श्रद्धालुओं का जत्था आया है।चोरदाहा में स्वागत के मौके पर उमड़े श्रद्धालुओं को प्रमाण सागर जी महाराज ने अपनी मधुर मुखारबिंद से प्रवचन देते हुए कहा कि संतोष से बड़ा धन मानव जीवन के लिए कुछ भी नही है। 2005 से 2015 तक बिहार बंगाल में रहा। उन्होंने कहा झारखंड में पुनः आने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा सड़क के गड्ढे को सरकार भरती है। संत मन की गड्ढे को भरते है। झारखंड के लोग अपने आप में ठान लें, तो विश्व का सबसे विकसित राज्यों में झारखंड एक होगा। मन में श्रद्धा हो तो इंसान सब कुछ खो कर पा सकता है। सेना अनाज के बिना चल सकती है। मुनिवर श्री 108 प्रमाण सागर जी महाराज का चोरदाहा में झारखंड सरकार के मंत्री बदल पत्रलेख, विधायक सह निवेदन समिति सभापति उमाशंकर अकेला, बीडीओ प्रेमचंद सिन्हा, सीओ गौरीशंकर प्रसाद, थाना प्रभारी बिनोद तिर्की, अभिमन्यु प्रसाद भगत आिद ने आगवानी की।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
