बीना -ये हैं बीना की 118 साल की गिरजाबाई। अब तक पांच पीढ़ियां देख चुकी हैं और अब भी स्वस्थ हैं… परिवार की देखरेख और सतर्कता से चलते कोरोना इन्हें छू भी नहीं पाया। परिवार वालों का कहना है कि दादी के पास सिर्फ बच्चे ही रहते हैं। जब भी घर के अन्य सदस्य उनसे मिलने जाते हैं तो सैनिटाइजेशन करते हैं। गिरजाबाई देश की सबसे उम्रदराज टैक्सपेयर में से एक हैं। 2020 में इनकम टैक्स विभाग द्वारा गिरजाबाई का सम्मान भी किया जा चुका है।
गिरजा बाई बताती हैं कि उनके पति सिद्वनाथ तिवारी ने 1947 में स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई लड़ी और उन्होंने भी उनका साथ दिया। साथ ही उनके बेटे दीनानाथ तिवारी, उमाशंकर तिवारी, घनश्याम तिवारी, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद तिवारी एवं बेटी मुन्नी देवी देवालिया, शीला राजोरिया एवं सरोज उदैनिया का लालन पालन किया। सन् 1984 में पति का निधन हो जाने के बाद उन्होंने अकेले ही इस बोझ को उठाया, वहीं बेटा, बेटियों की शादी की। हालांकि मां के सामने ही उनके 2 बड़े बेटे दीनानाथ तिवारी, उमाशंकर तिवारी एवं 1 बेटी सरोज उदेनिया का देहांत होने से उन्होंने जीवटता के साथ सामना किया।
160वें आयकर दिवस पर किया था सम्मानित
जानकारी अनुसार गिरजा बाई को उनके पति सिद्वनाथ तिवारी की स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की पेंशन मिलती है, जिसका वह सालों से टैक्स जमा करती आ रही हैं। बताया जा रहा है कि पैन कार्ड के आधार पर मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे बुजुर्ग करदाता है। पिछले साल 160वें आयकर दिवस पर गिरजाबाई का आयकर विभाग द्वारा राष्ट्र निर्माण में योगदान देने पर किया गया है। यह सम्मान उन्हें प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (मप्र एवं छग) भोपाल एके चौहान ने वीडियो कॉलिंग ऐप के जरिए पुरस्कार घोषित किया था।
पति ने लड़ी स्वतंत्रता की लड़ाई, पत्नी ने बच्चों की परवरिश की, अब तक 5 पीढ़ी देख चुकी हैं, देश की सबसे उम्रदराज आयकर दाता का सम्मान भी मिला
सबसे उम्रदराज मां का परिवार संक्रमण से मुक्त
पेंशन बच्चों नाती-पोतों की पढ़ाई पर खर्च करती हैं: 118 साल की गिरजा बाई पांच पीढ़ी के सदस्यों के साथ स्वस्थ्य जीवन जी रही है। बेटा बेटी, नाती, पंती, संती का सुख प्राप्त कर रही है। वह सवोर्दय चौक स्थित अपने नाती अमित तिवारी पप्पी के मकान में रह रही है। पप्पी ने बताया कि परिवार के सभी सदस्य सक्ष्म है, अब दादी को मिलने वाली पेंशन नाती, पंतियों की शादी, बच्चों की पढ़ाई लिखाई के साथ दान में खर्च होती है। उन्होंने बताया कि दादी की इच्छा थी कि उनका बेटा पीडब्ल्यूडी इंजीनियर घनश्याम प्रसाद तिवारी रिटायर्ड होने के बाद वह उनके साथ रहे, तो चाचा यहां आकर रहने लगे हैं।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
