शिवपुरी। शहर से 15 किमी दूर करमाजकलां गांव में 20 दिन में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें एक शिक्षक हैं जाे काेराेना पाॅजिटिव थे जबकि अन्य मरने वालाें में भी काेराेना जैसे ही लक्षण हाेना बताया जा रहा है। इस कारण कोरोना को लेकर ग्रामीणों में भय का माहौल है। साथ ही वैक्सीन को लेकर भी भ्रम है।
ग्रामीणों का मानना है कि वैक्सीन लगने के बाद लोग बीमार हो रहे हैं, फिर मौत हो जाती है। करीब एक हजार की आबादी वाले इस गांव में अभी सिर्फ 40-50 लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई है। आगे भी यहां वैक्सीनेशन प्रभावित हो सकता है क्योंकि ग्रामीण वैक्सीन लगवाने से स्पष्ट मना कर रहे हैं।
करमाजकलां गांव में तीन सप्ताह के भीतर देवरानी-जिठानी सहित 100 से ज्यादा उम्र के एक बुजुर्ग की भी मौत हुई है। गांव में जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें एक 55 साल और बाकी 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग बताए जा रहे हैं। गांव में एक महीने के भीतर इतनी अधिक मौतें होने के बाद ग्रामीण डरे हुए हैं।
ग्रामीण बुजुर्गों की मौत के लिए वैक्सीन को भी वजह मान रहे हैं। इस वजह से गांव के लोग टीका लगवाने के लिए राजी नहीं हैं। यहां तक कि गांव में जांच करने आ रही टीम को भी सही जानकारी देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं।
