रामगंजमंडी -परिवार...! यह एक ऐसा शब्द है, जो किसी भी परिस्थिति में हारता नहीं है। सब मिलकर साथ निभाते हैं। परिस्थितियां चाहे कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों, सब उसे अनुकूल बनाकर ही चलते हैं। आज भी देश में ऐसे कई परिवार हैं, जिनकी कई पीढ़ियां एक साथ रहती हैं और कदम-कदम पर साथ निभाती है।
कई परिवार इस महामारी की चपेट में आ गए। महामारी को हराने के लिए परिवारों में हिम्मत तो दिखा ही सही और अपनी सोच को भी सकारात्मक बनाए रखा। रामगंजमंडी के मित्तल परिवार के 22 सदस्यों में से 16 लोग कोरोना पॉजिटिव आए थे, लेकिन सभी ने एकजुट होकर कोरोना को हरा दिया। आज सभी सदस्य स्वस्थ हैं। परिजनों की हिम्मत के कारण सभी कोरोना से जीतकर निकल सके हैं। यह एकजुटता से संभव हुआ।
सैंपलिंग के बाद 16 पाॅजिटिव, घर में हुए कैद :
जंबू कुमार मित्तल ने बताया कि 15 अप्रैल को सभी सदस्यों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आई। जिसमें 22 में से 16 सदस्य कोरोना पॉजिटिव आए। इसी के साथ हम सभी पॉजिटिव घर के एक फ्लोर पर अपने-अपने कमरे में होम क्वारंटाइन हो गए। बाकी 6 निगेटिव आए सदस्याें काे दूसरी मंजिल पर शिफ्ट किया। हमारे मन में भय था, लेकिन हमने तय किया कि आत्मविश्वास नहीं खोना है ओर नियमित दवा व उपचार लेना है। चिकित्सा विभाग ने हमारे परिवार का पूरा खयाल रखा। साथ ही हमारे दोस्तों व मिलने वालों ने काढ़ा भी हमें भेजा।
ऐसे फैला था संक्रमण;
पिता के निधन पर संवेदना जताने आए लोग दे गए कोरोनारामगंजमंडी में मित्तल परिवार तीन भाइयों का परिवार है। इसमें जंबू कुमार, विनोद और त्रिलोकचंद मित्तल सहित 22 लोग साथ रहते हैं। परिवार में उनके बेटे, बहु, बहन और जवाई शामिल हैं। जंबू कुमार मित्तल ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में पूरा परिवार आ गया। 7 अप्रैल को हमारे पिता श्री ताराचंद मित्तल का निधन हो गया, उनको कोरोना नहीं था। दूर-दराज से रिश्तेदार हमारे घर शोक जताने पहुंचे थे। हालांकि, हमने गाइडलाइन की पालना करते हुए सावधानी बरती, लेकिन हमारी कोटा बहन इंद्रा अग्रवाल की तबीयत खराब हो गई। उनको हमने ससुराल कोटा भेज दिया। 12 अप्रैल को बहन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो हमने बीसीएमओ डॉ. रईस खान को जानकारी दी। उन्होंने सभी 22 सदस्यों की सैंपलिंग करवाई। चिकित्सा विभाग की पड़ताल में सामने आया कि शोक संवेदना जताने आए लोगाें में से कुछ काेराेना संक्रमण छाेड़ गए।
कोरोना को ऐसा हराया; दुख के समय हम सभी एकजुट रहे, यही हमारी पूंजी
मित्तल परिवार के दीपांशु, कृष्णन, नमन, कल्पना, बेटी जूही और जवाई आलोक अग्रवाल की सैंपलिंग में कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई थी। ऐसे में सभी ने तय किया कि हम सोशल डिस्टेंसिंग रखते हुए पॉजिटिव आए लोगों की देखभाल करेंगे। पूरे 14 दिन इन लोगों ने संक्रमित लोगों की हर तरह से मदद की। संक्रमण काल के दौरान परिवार की एकता में एकदम पावर आ गया। हर सदस्य एक-दूसरे को पॉजिटिव एप्रोच के साथ स्वस्थ होने की बात कहते रहे। जंबू जैन बताते हैं कि किसी ने सही ही कहा कि दुख के समय ही अपनों की पहचान होती है। हमारे परिवार का हर सदस्य दुख के समय में एक-दूसरे के साथ रहा, यही हमारी जिंदगी की सबसे बड़ी पूजी है। मित्तल परिवार के सदस्यों ने बताया कि हमें कोरोना होने पर घबराना नहीं है। नियमित रूप से डॉक्टर को अपनी स्थिति की जानकारी दें। घर से बाहर नहीं निकलें और पड़ोसी या रिश्तेदारों की बाहरी कार्य में मदद लें। सकारात्मक सोच रखें तो हर परिवार संक्रमण की चेन को तोड़ सकता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी
