अब केवल स्म्रति शेष ,ब्र.त्रिलोक भैया जी का लोक गमन..

श्री वर्णी गुरुकुल में वर्षों से साधना रत आदरणीय ब्रह्मचारी त्रिलोक भैया जी का आज 12 मई प्रातः 11 बजे  आकस्मिक निधन  हो गया।
वो विगत दिनों से भाग्योदय सागर में एडमिट थे।।
 आपसे कुछ दिन पूर्व मेरी व्हाट्सप के माध्यम से चर्चा  हुई तो तब आपके निर्मल परिणाम थे उन्होंने कहा
   
  कोरोना की जंग लड़ रहे  ब्रह्मचारी श्री त्रिलोक भया जी लेकिन उन्होंने साहस सबल का परिचय देते हुए कुछ पल सांझा किए। 
   त्रिलोक भया की कलम से 
कोरोना ने मुझमें प्रवेश किया है 
दर्द पीडा देने का प्रबंध किया है 
बुखार खासी कफ ने मेरी परीक्षा ली है
मैं कोरोना से लड़ रहे डॉक्टर ,नर्स बहनो के चेहरे पर जो सेवा का भाव है
जिनकी आंखें करुणा से लबालब है 
इन देवदूतो के चेहरो को देखकर प्रसन्न हूं।
परमपूज्य गुरुदेव विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद एवम सभी ब्रह्मचारी भाइयों की सदभावना व
सद्भावना श्रावक श्राविकाओ की शुभकामना व सभी साहित्य मित्रो की मंगलकामना के अमृत जल में अभिसंचित होकर  क्लासिकल भक्ति संगीत का आनंद ले रहा हु। 
   ऐसे उत्तम विचारों का व्यक्तित्व आज हमसे विदा हो गया नही लगता वो हमारे बीच नही है ऐसा लगता है आज वो हमारे बीच ही है।
       भाव भीना नमन
   अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी

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