राजनीतिक: ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने अपने पुराने साथी और मध्यप्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को अपनी फ़ेसबुक पेज पर खुला पत्र लिखा है, विधायक ने कोरोना में प्रशासन की लापरवाही को लेकर पीड़ादायी शब्दों में हालात से अवगत कराते हुए ऊर्जा मंत्री को लिखा है कि आप तो ऐसे न थे ।
आप ऐसे तो न थे प्रधुम्न भाईसाहाब
“हम बात करें दलीलों से तो भी रद्द होती है,
उनकी होठों की खामोशी भी सनद होती है”
माननीय मंत्री जी,
आपसे तो ये उम्मीद क़तई नहीं है ।
आप हमारी सरकार में भी मंत्री थे और अब इस सरकार में भी मंत्री हैं सरकार आएँगी -जाएँगी, अधिकारी आएँगे-जाएँगे मगर हमको और आपको यहीं रहना है,इसी शहर में इसी जनता के बीच और इसी घिनोने सच के साथ की कठिन समय पर सिर्फ़ अपने कुप्रबंधन के चलते प्रशासन और सरकार ग्वालियर के हज़ारों लोगों की जान नहीं बचा पाए।
हम सार्वजनिक जीवन में राजनीति करने अपने स्वार्थों के लिए सरकार गिराने और बनाने के लिए नहीं आये हैं, हम सार्वजनिक जीवन में आम जन की मदद करने के लिए हैं ,उनका सहयोग करने के लिए हैं ,उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर कठिन समय में चलने के लिए आए हैं।
आपसे अनुरोध है की बड़े अधिकारियों के पक्ष में खड़े रहने की बजाए अगर आप जनता के हित में खड़े रहेंगे तो मैं और हमारे ग्वालियर की पूरी जनता आपके प्रति सदैव कृतज्ञ रहेगी ।
जो लोग मौत के खेल में शामिल हैं, मंत्री जी ये समय उनके सामने झुकने का नहीं है उनके पैर छू कर सम्मान देने का नहीं है ये समय उनके पैर ग्वालियर की जमीं से उखाड़ फेंकने का है इन सफ़ेद पोष लोगों को सजा देने का है जिन्होंने हमारे परिवारो के कई लोगों की जान ले ली ।
आप बहुत अनुभवी हैं, आपसे जीवन में कई सकारात्मक गुण भी सीखे हैं, पर वर्तमान में आपकी सुस्त एवं सख़्त निर्णय ना लेने की कार्यप्रणाली से मन दुखी होता है ।
आपके संघर्ष को युवक कॉग्रेस के समय से देखा है और आप उस समय जुझारू थे लेकिन इस समय आप खुद जूझ रहे है,एक झूठ से और ये शहर शर्मिंदा तब होता है जब आप उस झूट को साहस के साथ बोलते हैं ।
जब इस शहर में ऑक्सीजन की कमी से लोग तड़पकर मर रहे थे,तब आपने कहा कि ऑक्सीजन पर्याप्त है।
जब अस्पताल में बेड नहीं थे, लोग फुटपाथ पर और एम्बुलेंस में दम तोड़ रहे थे, तब भी आपने कहा की अस्पताल में सब कुछ पर्याप्त है ।
जब रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी आई और ब्लैक मार्केटिंग शुरू हुई तब भी आपने कहा सब पर्याप्त है ।
अब अचानक रिपोर्ट कम करके, आंकड़े दबाकर आप कोरोना को नकार रहे है लेकिन जिनके अपने इस दुनिया से जा रहे है,उनसे पूछिये की क्या हालात है।
मैं आपसे एक बात जानना चाहता हूं कि,आप ऐसे तो ना थे बड़े भाईसाहब!!
आख़िर ऐसी क्या मजबूरी है की नकारा अधिकारियों के पक्ष में भी आपको खड़ा होना पड़ रहा है ।
पुनः निवेदन है कि कोविड के इस विकराल दौर में टेस्टिंग बढ़ाइए न कि आंकड़े दबाइये।ये समय सच सामने लाने का है जिससे लोगों की जान बच सके ना की सच को छुपा कर राजनीति करने का ।
क्षमा सहित आपका अनुज
प्रवीण पाठक
