शौचालय में जमकर भ्रष्टाचार, शिवपुरी जिले में ज्यादातर पंचायत में ऐसे ही हाल





शिवपुरी। पिछोर जनपद पंचायत कार्यालय में शौचालय निर्माण में एक करोड़ 44 हजार रुपये का घोटाला सामने आया है। पंचायत विभाग की ओर से पिछोर थाना में इसके लिए एफआइआर भी दर्ज कराई गई है। पिछोर में पदस्थ स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक कॉर्डिनेटर रामनिवास राजपूत ने 1048 शौचालयों के लिए जारी हुई एक करोड़ 24 लाख 76 हजार की राशि में से एक करोड़ 44 हजार रुपये की राशि हितग्राहियों को न देते हुए अन्य माध्यमों को ट्रांसफर कर दी। इसकी विभागीय जांच चल रही थी। जांच पूरी होने पर अधिकारियों ने एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे, इसे लेकर मंगलवार को एफआइआर दर्ज करा दी गई है।


शिकायतकर्ता खंड पंचायत अधिकारी रामकिशन टेंगर के अनुसार स्वच्छ भारत अभियान के तहत सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक 1048 शौचालय बनाने के लिए एक करोड़ 24 लाख 76 हजार रूपए की राशि स्वीकृत की गई थी। उस दौरान शौचालय बनाकर सभी हितग्रहियों के खाते में यह राशि हस्तांतरित की गई। कई हितग्राहियों के खाते में यह राशि नहीं पहुंची जिसकी शिकायत जिला पंचायत सीईओ एचपी वर्मा को भी की गई थी। शिकायत मिलने पर सीईओ ने चार सदस्यी कमेटी बनाकर जांच बैठा दी। इस कमेटी में मनरेगा एपीओ नंदकिशोर शर्मा, सहायक लेखा अधिकारी वीणा मजेजी और प्रधान मंत्री आवास योजना के वीसी सोनपाल को शामिल किया गया था।



जांच में सामने आया कि सिर्फ चुनिंदा खातों में ही राशि ट्रांसफर की गई है जबकि अन्य हितग्राहियों को राशि दी ही नहीं गई है। इसमें 837 हितग्राहियों को राशि नहीं दी गई, बल्कि अन्य खातों में ट्रांसफर की गई। ब्लॉक कार्डिनेटर रामनिवास राजपूत ने उक्त राशि का हेरफेर कर किन्हीं दूसरे खाते में ट्रांसफर कर दी। पुलिस ने 420 भादंवि का मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। एक करोड़ रुपये की राशि के मामले में पुलिस यह पता करने में जुटी है कि इसमे ब्लॉक को-ऑर्डिनेट के साथ और कौन-कौन शामिल है। अकेला एक व्यक्ति इस तरह से राशि का गबन नहीं कर सकता है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि राशि किस तरह से ट्रांसफर की गई है।



837 लोगों की राशि अन्य खातों में भेजी

अभियान के तहत कुल 1048 शौचालयों के निर्माण की राशि जारी की गई थी। इसमें सिर्फ 211 हितग्राहियों के खातों में राशि ट्रांफसर की गई। जबकि 837 हितग्राहियों की राशि किसी अन्य खातों में ट्रांसफर कर दी गई। यह राशि अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई है जिससे साफ पता चलता है कि इस पूरे घोटाले में कई और लोग भी शामिल हैं। एक शौचालय के लिए 12 हजार रुपये की राशि दी जाती है। इस तरह से 837 हितग्राहियों के एक करोड़ 44 हजार रुपये ब्लॉक को-ऑर्डिनेट डकार गया है।



इंदौर, ग्वालियर और भिंड के बैंक खातों में पैसा पहुंचा

ब्लॉक समन्वयक राजपूत मूलत: ग्वालियर के रहने वाले हैं। पहले बदरवास, कोलारस में पदस्थ रहे। फिर खनियांधाना और साल 2019 से पिछोर में पदस्थ हैं। जिन गलत खातों में राशि जारी हुई है, उनमें सबसे अधिक बदरवास, कोलारस क्षेत्र के लोगों के हैं और यह सभी खाते पुराने हैं। इसके अलावा खनियाधाना, ग्वालियर, भिंड और इंदौर के लोगों के खातों में भी ऑनलाइन भुगतान हुआ है। कुछ खाते ऐसे भी हैं जिनमें तीन से चार बार 12-12 हजार रु. की राशि जारी की गई है


इनका कहना है

ब्लॉक समन्वयक रामनिवास राजपूत ने षड्यंत्र के तहत यह घपला किया है। मार्च 2021 से ही वह अनुपस्थित है। ग्रामीणों की जानकारी दर्ज करने से लेकर फोटो वेरीफाई का काम भी वही करता था। हमने पोस्ट ऑफिस से उसके घर नोटिस भिजवाए, जहां रहता था वहां नोटिस चस्पा कराए हैं। अब पुलिस थाने में भी मुकदमा दर्ज करा दिया है।
पुष्पेंद्र व्यास, सीईओ, जनपद पंचायत पिछोर

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