पोहरी: कोरोना को आए एक साल से अधिक समय हो गया है, पूरी दुनिया में हाहाकार मचाने के बाद अब कोरोना ने भारत में भी दर्दनाक मंजर बना दिया है । चारों तरफ लाशों के ढेर ,ऑक्सिजन के लिए अफरा तफरी और बाजार में दवाओं का टोटा दिखाई दे रहा है । जहां लोग अपने प्राण बचाने के लिए गुहार लगा रहे हैं वहीं इंसान के रूप में हैवानों की कमी नहीं है तभी तो दवाओं से लेकर ऑक्सिजन की कालाबाजारी हो रही है, राजनेता आपदा में अवसर तलाश रहे हैं।
इन तमाम पहलुओं के बीच और भी लोग हैं जिनका अपना अलग ही दुःख दर्द है जिसे वे अपनी ही जमात के बीच रोते दिखाई देते हैं, कोरोना काल के चलते पिछले साल से ही नगरीय निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव को बार बार टाला जा रहा है ऐसे में जो लोग गाँव में प्रधानी और नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर पार्षद तक कि लालसा पाल बैठे थे,जिन्होंने खादी का कुर्ता पहनकर जनसेवा करने का सपना पाल रखा था, कोरोना ने उनके सपनों पर पानी फेर दिया है।
