शिवपुरी। बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोविड से ग्रसित मरीजों का उपचार जिला चिकित्सालय एवं मेडीकल कॉलेज में किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर इन दोनों ही स्थानों पर भर्ती मरीजों के बारे में किसी भी प्रकार से मरीजों के साथ क्या-क्या उपचार हो रहा है उन्हें नियमित भोजन व अन्य डाईट मिल रही है या नहीं इस बारे में स्वयं परिजनों को भी पता नहीं चल पा रहा है।
यही कारण है कि लगातार अस्पताल और मेडीकल कॉलेज प्रबंधन पर सवालिया निशान लगा रहे है। यही कारण है कि सोमवार को एक युवती के पिता की रात में निधन होने की सूचना परिजनों को नहीं दी गई और जब सुबह युवती अपने पिता को खाना देने आई तो पता चला कि रात में ही उसके पिता का कोरोना से निधन हो गया। इस तरह के असंवेदनपूर्ण व्यवहार के लिए स्वयं मेडीकल प्रबंधन ने अपनी कमियों को स्वीकार नहीं किया और ना ही उन्होंने मृत मरीज के बारे में परिजनों को जानकारी दी, इसके पूर्व भी एक युवक के द्वारा अपने परिजनों के कोरोना से मृत होने को लेकर मेडीकल कॉलेज पर गंभीर आरोप लगाए गए थे।
जिला चिकित्सालय में भी एक दिन पूर्व ही एक युवती ने अपने पिता के इलाज में चिकित्सकों पर ही गंभीर आरोप लगाए थे। इन हालातों से तो ऐसा ही प्रतीत होता है जैसे जिला चिकित्सालय और मेडीकल कॉलेज में मानवीय संवेदनाऐं तो जैसे मृतप्राय: हो गई है, क्योंकि यदि मानव ही मानवीयता का परिचय नहीं देंगें तो फिर इन सभी तमाम व्यवस्थाओं का क्या औचित्य? बड़ा सवाल यह होने लगा है कि जब कोविड मरीज को जिला चिकित्सलय व मेडीकल कॉलेज में भर्ती किया जा रहा तो संबंधित मरीज को उपचार में दी जाने वाली व्यवस्था की जानकारी भी तो देनी चाहिए लेकिन परिजनों से केवल उनकी घरेलू सामग्री लेकर मरीज तक पहुंचाने की बात कही जाती है।
शेष मरीजों तक परिजनों को जाने की अनुमति नहीं। हालांकि इस मामले को लेकर अब जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने व्यवस्था बनाने का प्रयास किया है और कोविड में भर्ती मरीजों से परिजन वीडियो कॉल के माध्यम से उनसे संपर्क कर सकते है हालांकि इसके लिए भी समय निर्धारित किया गया है।