बंजर जमीन को हरित भूमि में बदलने अनूठी पहल: 151 कन्याओं ने रोपे पौधे



गुना। कोरोना के संक्रमण की जद में आकर प्रदेश के करीब 8 हजार लोगों की जान असमय चली गई। इस महामारी के समय में प्राणवायु यानि ऑक्सीजन का महत्व हम सबको समझ आया। गुना जिले के बजरंग गढ़ की बंजर भूमि पर करीब 11 हजार वृक्ष लगाने का संकल्प लिया गया है। इसे श्री राम संजीवनी उपवन के नाम से आगामी समय में जाना जाएगा। विश्व पर्यावरण दिवस यानि 5 जून दोपहर 3 बजे से गुना जिले की बजरंगगढ़ पंचायत के स्थान पर 151 कन्याओं ने पौधारोपण करके इस अभियान का श्री गणेश किया। 



पौधों के साथ ही जमीन में रोपे गए मटके

स्वास्थ्य सचेतक कार्य के रूप में विकसित किए जा रहे श्री राम संजीवनी उपवन में जो पौधे रोपे जाएंगे वे पानी के अभाव में सूखें न इसके लिए इस अभियान मे पौधे के साथ ही एक छोटा सा मटका/मटकी के नीचे एक छोटा सा छेद करके उसे भी जमीन में दबाया जाएगा। ताकि पौधे को बूंद-बूंद पानी मिलता रहे। 



मटका खाली होने पर दोबारा उसमे पानी भर दिया जाएगा। ये अभियान सिर्फ एक औपचारिकता बनकर नही रहेगा बल्कि आगामी समय में इस उपवन में ऑक्सीजन देने वाले वृक्ष लहलहाते नजर आएंगे। 


वर्षाकाल के पहले बीज रोपण अभियान भी चलेगा 


इस उपवन में वर्षा काल के पूर्व आम, नीम, बेर, अमरूद सहित तमाम वृक्षों के बीज गांवों से संग्रहित कर उन्हें यहां रोपा जाएगा। ताकि बारिश के बाद वे अंकुरित होकर पौधे का आकार ले सकें। 


कोरोना में दिवंगत लोगों की स्मृति में बनेगा स्वास्थ्य सचेतक संजीवनी उपवन


इस अभियान के मुख्य संचालक श्री विश्वनाथ सिंह सिकरवार ने बताया कि कोरोना के संक्रमण की चपेट में आकर गुना सहित पूरे मप्र के करीब आठ हजार लोगों की असमय मृत्यु हुई है। अब आगे के समय में हमें प्राणवायु के संकट से न जूझना पड़े इसके लिए हमने इस बंजर भूमि पर वृक्षारोपण का महाभियान शुरू किया है। यह उपवन लोगों को स्वस्थ रहने की प्रेरणा देगा। इसलिए इसे स्वास्थ्य सचेतक श्री राम संजीवनी उपवन का नाम दिया गया है।

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