अपने कायाकल्प की बाट जोहता सहसराम-पहाड़गढ़ रोड़



मुरैना : गाँवो को शहर से जोड़ने की परिकल्पना देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जी ने की थी और उसको मूर्त रूप देने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बनाई गई जिसके माध्यम से शत प्रतिशत गांव शहर की ओर जाने वाली सड़कों से जुड़ भी गए । सरकार आज भी भरकस प्रयास कर रही है कि ग्रामों का विकास हो,इसके लिए बिजली,सड़क और पानी के साथ आवास और सस्ता खाद्दान्न भी उपलब्ध करा रही है ।
इतना सब कुछ होने के बाद भी सहसराम-पहाड़गढ़ रोड़ पिछले कई सालों से अपना दुःख रो रहा है, आज भी वो अपने कायाकल्प की बाट जोह रहा है कि कोई तो जन प्रतिनिधि ऐसा आएगा जो जनता की नहीं बल्कि मेरी पुकार सुनकर मेरा जीर्णोद्धार करेगा लेकिन कोई नहीं जो सहसराम-पहाड़गढ़ रोड़ की सुध ले । अक्सर सुना जाता है कि सड़क में गड्ढे हैं लेकिन इतर इसके सहसराम-पहाड़गढ़ रोड़ पर कहानी उलट है यहाँ गड्डों में सड़क है, इस पर सफर करने वाले राहगीर कराह उठते हैं और वाहन के कल पुर्जे ढीले पड़ जाते हैं, ऐसा नहीं कि क्षेत्र में जनप्रतिनिधियों की कमी है या विपक्ष में हैं, क्षेत्रीय विधायक सत्तारूढ़ दल से है तो वहीं संसद में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद महोदय केंद्र सरकार में पंचायत ग्रामीण विकास मंत्रालय का जिम्मा बखूबी निभा रहे हैं । यदा कदा जब समाचारों में सुना और पढ़ा जाता है कि सहसराम-पहाड़गढ़ रोड़ के टेंडर हो रहे हैं या शीघ्र ही बनेगी यकीन मानो नागरिकों की तो छोड़िए स्वयं सड़क भी खुश हो जाती होगी कि अब मेरे उद्दार के दिन आ गए, अब बरसात के दिनों में न तो सड़क दिखाई देती है और न गड्ढे, दिखाई देता है तो पूरे मार्ग पर सिर्फ और सिर्फ पानी से भरे छोटे छोटे तालाब ।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.