नशे की सीरप बेचने वाले आरोपीगण की जमानत याचिका खारिज






जबलपुर- दिनांक 12/06/2021 को थाना संजीवनी नगर  का हमराह स्टाफ  इलाका भ्रमण हेतु गया हुआ था तभी मुखबिर द्वारा सूचना मिली की  पटेल स्वीट्स के सामने दो व्यक्ति एक ग्रे कलर की स्कॉर्पियो गाड़ी में  बैठे हुए हैं  एवं अपने पास नशे के उद्देश्य से सिरप रखे हुए हैं  एवं दोनों व्यक्ति  आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को  इसका डोज देकर अपराध करवाते हैं  एवं नशे के लिए सिरप को सप्लाई करते हैं। दोनों व्यक्ति  लोगों को जानबूझकर  नशा करने वाली सिरप उपहति कारित करने के उद्देश्य से धोखे से बेचते हैं, जो आज भी  स्कॉर्पियो गाड़ी में बैठे हुए हैं  एवं अपने पास  बहुत सारी सिरप रखे हुए हैं। मुखबिर की सूचना पर पटेल स्वीट्स के सामने एक कलर की स्कार्पियो गाड़ी  खड़ी हुई थी  जिसका वाहन क्रमांक  एमपी 20  सीएफ 7124 है  जिसमें एक व्यक्ति ड्राइवर सीट पर  एवं एक व्यक्ति आगे की सीट में बैठा हुआ था। जिससे नाम पता पूछने पर  उन्होंने अपना नाम  प्रिंस अवस्थी उम्र 28 वर्ष  निवासी संजीवनी नगर  और  अभिषेक तिवारी  उम्र 28 वर्ष  निवासी नारायण नगर  बताया।  गवाहों के समक्ष  स्कॉर्पियो गाड़ी की तलाशी ली गई  जिसमें दोनों व्यक्ति  आगे की सीट एवं ड्राइवर सीट के बीच में  एक पॉलीथिन के पैकेट में  प्लास्टिक की सीलबंद सीसी रखे हुए मिले  जिस पर  ONREX COUGH SYRUP लिखा है जिनको गिना गया।  पॉलिथीन के पैकेट में कुल 28 नग ONREX COUGH SYRUP  होना पाया गया। गवाहों के समक्ष पंचनामा तैयार किया गया। प्रत्येक शीशी सीलबंद है  जिस पर अंग्रेजी में CHLORPHENIRAMINE MALEATE CODEINE PHOSPHATE SYRUP ONREX COUGH SYRUP 100 ML एवं कंपनी का नाम WINGS BIOTECH जिसकी कीमत 120 रुपये लेख है, कुल 28 शीशी की कीमत 3,360 रुपए की है। उपरोक्त कफ सिरप  के संबंध में वैध  प्रपत्र की मांग की गई  जो मौके पर  पेश नहीं किया गया।  28 शीशी को कार्टून में रखा गया और जप्त किया गया। दोनों आरोपीगण के विरुद्ध  थाना संजीवनी नगर में धारा 328 भादवि एवं 5/13 म. प्र. ड्रग कंट्रोल अधिनियम 1949 का मामला  पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।  अभियुक्तगण प्रिंस अवस्थी एवं अभिषेक तिवारी को गिरफ्तार कर न्यायालय श्रीमती मोना शुक्ला पांडे न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के समक्ष पेश किया गया। शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी श्री शेख वसीम के मार्गदर्शन में सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुखलाल मार्को के द्वारा शासन का पक्ष रखते हुये जमानत आवेदन का विरोध करते हुये बताया कि यदि  आरोपीगण को जमानत का लाभ दिया जाता हैं तो आरोपीगण साक्ष्य को प्रभावित कर सकता हैं जिससे समाज में न्याय के प्रति विपरीत संदेश पहुॅचेगा। अभियोजन द्वारा दिए गए तर्को से सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपीगण का जमानत आवेदन निरस्त कर दिया गया ।

                                         

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.