गुरु शिष्य को आत्म कल्याण का मार्ग दिखाता है : उदार सागरजी


शाहगढ़ -बुधवार को नगर के पंचायती जिनालय में परमपूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के 54वेें दीक्षा दिवस के पावन अवसर पर उनके परम् शिष्य उदार सागर जी महाराज के संसघ सानिध्य में दीक्षा दिवस मनाया गया। इस अवसर पर श्रीजी का अभिषेक, शांतिधारा, आचार्यश्री के चित्र अनावरण के बाद संगीतमय पूजन किया गया। इस अवसर पर धर्मसभा में उदार सागर जी  महाराज ने अपने मंगल प्रवचनों में ब्रह्मचर्य से क्षुल्लक दीक्षा तक के आचार्य से मिले सानिध्य और दृष्टांत देते हुए उन्होंने अपने संस्मरण सुनाए और शिष्य और शीशी की डाट का बहुत महत्व होता है। शीशी का ढक्कन खुला होने पर उसमें से दृव्य पदार्थ गिर जाता है। गुरु से अनुसाशन में बधें होने पर शिष्य अपने आत्म आराधना को बढ़ा सकता है प्रगति कर सकता है। आचार्यश्री के बारे में कुछ कहना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है। हम सभी लोग गुरुवर का गुणगान कर सकते हैं और अपना कल्याण कर सकते हैं गुरुवर तो अपनी साधना में मग्न हैं निरंतर अग्रसर हो रहे हैं वर्तमान में हमारे लिए तीर्थंकर के समान है हमारे भगवान हैं। आत्म कल्याण में गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन और राह दिखाता है। धर्मसभा उपरांत चातुर्मास के लिए सभी ने श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद लिया। कार्यक्रम में रंजीत सेठ, पीसी जैन, शांतिपाल लल्लू सिंघई, कमल पप्पू डेवड़िया, ज्ञानचंद्र सुंदर लाल चौधरी समेत विद्यासागर आरती संघ, महिला मंडल आदि माैजूद रहे।
                     संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी

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