सिलोर-प्रकृति एक नियत धारा में चलती है। यदि आप नियत धारा में नहीं चलते तो फैशनेबल बनकर अलग दिखने के लिए आप कान, सिर पर लगा लेते, कुछ भी कर सकते थे। सब व्यक्तियों को उस नियत को स्वीकार करो, जो उसने निश्चित किया है, वैसे ही चलना चाहिए। कुछ वैज्ञानिक कुछ छेड़छाड़ करने की कोशिश में है, लेकिन वे सफल नहीं हुए।
हम प्रकृति के अनुसार चलेंगे तो प्रकृति से सुख पाएंगे, लेकिन विपरीत चले तो आप जानो। शिलोदय तीर्थ में धर्मशाला शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए मुनि पुगंव सुधासागरजी महाराज ने यह उदगार व्यक्त किए। धर्मसभा के प्रारंभ में आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण विनोद टोरडी व अध्यक्ष टीकम जैन, मंत्री सुनील जैन, महेंद्र जैन, नरेंद्र जैन, अशोक जैन, पदम जैन, संजय एडवोकेट, महावीर जैन, आशीष जैन, प्रदीप पापड़ीवाल ने किया। दीप प्रज्ज्वलन कर पाद प्रक्षालन राजेश जैन, आनंद, विजय जैन, प्रकाश कासलीवाल ने किया। शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य मुकेश जैन व त्रिवेंद्र जैन को मिला।
यात्रियों को मिलेगी सर्व सुविधाएं
समारोह का संचालन करते हुए विजय जैन धुर्रा ने कहा कि आज मुनिश्री के सान्निध्य में एक सर्वे सुविधाओं से युक्त आवासीय धर्मशाला का शिलान्यास किया जा रहा है, जिसमें भगवान आदिनाथ स्वामी के भक्तों को तीर्थ पर आश्रय मिलेगा। इसमें यात्रियों को सर्व प्रकार की सुविधाएं मिल सकेगी।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
