खरवाया में 1 करोड़ 2 लाख लागत की नलजल योजना का राज्यमंत्री राठखेड़ा ने किया भूमिपूजन
पोहरी। पोहरी विधानसभा के ग्राम खरवाया में पेयजल समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से मप्र शासन में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक सुरेश धाकड़ राठखेड़ा द्वारा 1 करोड़ 2 लाख 40 हजार रुपए की लागत वाली नलजल योजना का भूमिपूजन पूजा अर्चना कर विधि विधान से किया। इस दौरान राज्यमंत्री श्री राठखेड़ा ने कहा कि हमने सपने में भी नहीं सोचा था कि गांव में नल लगेंगे, लेकिन जब मैं चुनाव लड़ा तब मैंने मंच पर मप्र के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी और देश के नेता श्रीमंत महाराज को एक चिट दी कि महाराज साहब हमारी महिलाएं आज भी सिर पर गगरी लेकर पानी भरती हैं, जमाना कितना आगे निकल गया, लेकिन हमारा सिर पर गगरी रखना बंद नहीं हो पाया। उन्होंने तत्काल आपकी बात को माना और परिणामस्वरूप आज खरवाया गांव के लिए 1 करोड़ 2 लाख 40 हजार रुपए की सौगात आपके सामने है। राज्यमंत्री श्री राठखेड़ा ने कहा कि इस योजना को अब यह न समझें कि यह सरकारी है इसे सरकार बना रही है हमें इससे क्या लेना देना, यह सोचोगे तो कल फिर पछताओगे। ये काम सरकार का नहीं है, अधिकारियों का नहीं और न ही ठेकेदार का, बल्कि हम सबकी जबावदारी बनती है कि इस काम की देखरेख करें। मैं कहना चाहता हूं कि छर्च को कभी पॉवर हाउस नहीं मिल सकता था, लेकिन आपने जो लाड़-प्यार दिया और मैंने लोकप्रिय मुख्यमंत्री और देश के नेता श्रीमंत के सामने बात को रखी तो परिणाम आपके सामने है लाइट की समस्या हमेशा के लिए दूर हो गई। कार्यक्रम में उपयंत्री एल एन कोली, शैलेन्द्र आदिवासी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत, मंडल अध्यक्ष आशुतोष जैमनी, जिला मंत्री पृथ्वीराज जादौन, लल्ला भार्गव, गिरीश भार्गव, जगदीश कनाखेडी, जगदीश गोबर पूर्व मंडी अध्यक्ष, केशव धाकड, ब्रजमोहन उपसिल, प्रकाश धाकड, अमरसिंह लोखरी, हरिशंकर धाकड आदि मौजूद रहे।
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छर्च स्कूल प्रांगण में किया पौधारोपण
छर्च स्कूल प्रांगण में राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ राठखेड़ा द्वारा अंकुर अभियान के तहत फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया। उन्होंने कहा की शुद्ध हवा के लिए पेड़- पौधे बहुत जरुरी हैं। पौधे लगाकर ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से भी निपटा जा सकता है। उन्होंने कहा आज प्रदेश सरकार पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लिए काम कर रही है और इसी दिशा में अधिक से अधिक पौधे लगाए जा रहे हैं। पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए हमें भी इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। पौधों की कम होती सख्या को पौधरोपण से ही पूरा किया जा सकता है।
