मध्यप्रदेश में बाढ़ से हुए 2 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान,



भोपाल-बाढ़ प्रभावित 9 जिलों के दो हजार 444 गाँव बाढ़ एवं अति वृष्टि से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।प्रारंभिक आंकलन के अनुसार एक लाख एक हजार 669 हेक्टर क्षेत्र में फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। लगभग 57 हजार 527 घर बाढ़ में बह गए अथवा पूरी तरह से नष्ट हुए। इसके अलावा 1735 करोड़ 50 लाख रूपये की शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुँचा। इसमें शासकीय भवन, सड़क, बिजली प्रदाय अधोसंरचना, वन, पुल, बांध सहित अनेक सिंचाई परियोजनाएँ शामिल हैं। इसके अलावा राशन वितरण की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों सहित लगभग 2 करोड़ 50 लाख से अधिक मूल्स का खाद्यान्न बाढ़ के पानी से खराब हो गया। वेयर हाउस में सुरक्षित रखा खाद्यान्न भी  बड़ी मात्रा में बाढ़ से प्रभावित हुआ। 

युद्ध स्तर पर हुआ राहत-बचाव कार्य

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 31 जुलाई से 6 अगस्त की अवधि में ग्वालियर और चंबल संभाग के 8 जिलों ग्वालियर, गुना, शिवपुरी, दतिया, अशोक नगर, श्योपुर, भिण्ड, मुरैना और भोपाल संभाग के विदिशा जिले सहित कुल 09 जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से शासकीय और जन-संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है। युद्ध स्तर पर चलाये गये राहत और बचाव कार्यो के दौरान इन जिलों के 9334 रहवासी  पीड़ितों को रेस्क्यू किया गया और 32 हजार 960 लोगों को बाढ़ में घिरे उनके रहवासों से सुरक्षित निकाला गया।

      बाढ़ और अति वर्षा से प्रभावित लोगों को त्वरित राहत पहुँचाने के लिये स्थापित 161 राहत शिविरों में कुल 21 हजार 555 लोगों को आश्रय उपलब्ध कराया गया। राहत और बचाव कार्यों में सेना के 6 कॉलम, एयर फोर्स के 6 हेलीकॉप्टर की मदद ली गई। इसके अलावा एनडीआरएफ की 8 यूनिट, एसडीइआरएफ की 29 टीम, होमगार्ड की 61 टीम, अति वर्षा और बाढ़ प्रभावित सभी 9 जिलों के पुलिस बल और 478 नागरिक सुरक्षा स्वयं सेवक की मदद ली गई
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