अपराधी जब अपराधों को कबूल करता है तो उसका अपराध कम हो जाता है अर्हम श्री माताजी

बांसवाड़ा-बाहुबली कॉलोनी जैन मंदिर में विराजित आर्यिका रत्न 
 105 अर्हम श्री माताजी ने अपने प्रवचन में बताया कि आत्म आप जब भी मंदिर जाते हो भगवान के दर्शन करते हो और पूजा पाठ करने के लिए जिनवाणी मां को पढ़ते हो, गुरु मां जिनवाणी के बारे में जानकारी बताते हुए कहा जिनवाणी माता की चार संतान है। दो बेटा, दो बेटी, एक बड़ा बेटा है जो मुनिराज है, छोटा बेटा है और बड़ी आर्यिका है। छोटी बेटी श्राविका है तो हम सब एक ही मां की संतान हैं। माताश्री ने बताया कि जिनवाणी मां आप मेरी माता है, इसलिए मेरे अपराधों को क्षमा करें। जिनवाणी मां आपके 16 नाम है, सरस्वती, भारती, शारदा, हंसगामिनी नाम से आप जाने जाते हो। मेरे अपराध को माफ करो, जब अपराधी अपने अपराधों को कबूल करता है तो उसका अपराध कम हो जाता है। जो अपराधी अपने अपराध को कबूल नहीं करता है तो उसका डबल हो जाता है। गुरु मां ने उदाहरण देते हुए बताया अगर आपने कोई अपराध किया और पुलिस थाने में जाकर अपना अपराध कबूल कर देते हो तो आपका अपराध कम हो जाता है। इसलिए जिनवाणी मां ने अपने अपराध कहने के लिए आया हूं आप मेरे दोषों को दूर करो। जिससे मेरे अपराधों का निवारण हो। यह जानकारी चातुर्मास कमेटी के प्रवक्ता महेंद्र कवालिया ने दी।
     संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमडी

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