शाहपुर-तारक मेहता का उल्टा चश्मा फेम अभिनेता व कवि शैलेश लोढ़ा ने शाहपुर मे
कहा लोगों पर मत हंसिए लोगों के साथ हंसिए। आजकल लोग सब कुछ भूल कर सिर्फ मोबाइल में लगे हैं। उन्होंने कहा माताजी के आशीर्वाद से आज हम यहां पर बड़े नाम के साथ हैं। अपने नाटक में 322 एपिसोड में कार्य कर चुके हैं। मां पर उन्होंने कविता सुनाई और कहा उनकी मां 77 वर्ष की है और पैरालिसिस होने से चल फिर नहीं सकती हैं लेकिन दिन में दो बार मां से बात करता हूं, तभी इतना सफल कलाकार बन पाया हूं। उन्होंने कहा एक घर में तीन व्यक्ति पहुंचे और उन्होंने घर का दरवाजा खटखटाया एक बिटिया ने दरवाजा खोला तो तीनों ने कहां कि मुझे पिता से मिलना है लेकिन शर्त एक है कोई एक ही आपके घर के अंदर प्रवेश करेगा। एक का नाम था धन, दूसरे का कामयाबी और तीसरे का संस्कार। बिटिया ने अपने पिताजी से पूछा तो पिताजी ने कहा के धन को बुला लो फिर मां से पूछा तो मां ने कहा कामयाबी को बुला लो धन अपने आप आ जाएगा लेकिन बिटिया ने कहा कि हम तो संस्कार को बुलाएंगे और उन्होंने जैसे ही संस्कार को बुलाया वैसे ही तीनों के तीन भीतर पहुंच गए और तीनों ने कहा जिस घर में संस्कार हो वहां धन और कामयाबी हमेशा साथ में ही आती है। कार्यक्रम में मंत्री गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री जयंत मलैया, जैन समाज की गौरव सुशीला अशोक पाटनी, मुकेश जैन ढाना, कीर्ति मनोज जैन आदि मौजूद थे।
परिवार सब कुछ है पराए तो हमेशा पराए रहेंगे : पूर्णमति
| गुरु हमेशा हितकारी बोलते हैं। मेरे जीवन में आचार्य गुरुदेव का बहुत महत्व है। गुरुजी सबकी नहीं किसी विशेष की ही परीक्षा लेते हैं। दीक्षा दिवस मनाया जाना गुरुजी की महिमा है शिष्यों की नहीं। यह बात अपने 33वें दीक्षा दिवस पर आर्यिका पूर्णमति माताजी ने शाहपुर में कही। उन्होंने कहा जो गुरु का हो गया उसे कुछ अच्छा नहीं लगता, विरह की तरह तड़पता रहता है। आचार्य विद्यासागर महाराज आध्यात्मिक गुरु हैं और वे हमेशा सबको ऊर्जा से भरते रहते हैं। वे भाषा के बिना भाव को पढ़ लेते हैं। गुरुदेव के दर्शनों से जन्म जन्म का मैल साफ हो जाता है और उनके दर्शन से हमेशा आंखों को सुकून मिलता है।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़िया रामगंजमंडी
