पोहरी :सरकार और सरकार के मंत्रियों के आदेशों की धज्जियाँ अधिकारी कैसे उड़ा रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण पोहरी अनुविभाग में देखने को मिल रहा है । पोहरी में पदस्थ कनिष्क आपूर्ति अधिकारी का तबादला हुए एक लंबा समय हो गया लेकिन रिलीव आज दिनांक तक नहीं मिला, ऐसा क्या कारण है कि कनिष्क आपूर्ति अधिकारी पोहरी में ही जमे रहना चाहते हैं, खुद कनिष्क आपूर्ति अधिकारी मलाई खाने के लालच में पोहरी नहीं छोड़ना चाह रहे हैं या फिर एसडीएम और कलेक्टर महोदय की कृपा प्राप्त है और यदि ऐसा है तो ऐसा कौन सा फायदा है जो कनिष्क आपूर्ति अधिकारी जिले के आला अधिकारियों को लाभ पहुंचा रहे हैं,
क्या इन अधिकारियों को प्रभारी मंत्री आदेश की चिंता नहीं ।
आपको बता दें कि पोहरी अनुविभाग में कार्यरत खाद्य विभाग के कनिष्क आपूर्ति अधिकारी का तबादला हुए लंबा समय हो गया है, इनका तबादला जिले के प्रभारी मंत्री की चिट्ठी पर हुआ था लेकिन अनुविभागीय अधिकारी द्वारा आज दिनांक तक उन्हें रिलीव नहीं किया गया है । कनिष्क आपूर्ति अधिकारी का नाम गरीबों के राशन डाकरने का आरोप लाग रहा है, पोहरी क्षेत्र में कंट्रोल की दुकानों से गरीबों के राशन को अधिकारियों की मिलीभगत से माफियाओं द्वारा डकारने का काम चल रहा है । सूत्रों की मानें तो कनिष्क आपूर्ति अधिकारी का हर कंट्रोल की दुकान से महीने का अपना हिस्सा तय का आरोप लगता आ रहा है, स्पष्ट है कि ऐसे में अधिकारी को दिया जाने वाला हिस्सा गरीबों के राशन को कम करके ही सेल्समैन निकालेंगे। कोरोना काल मे सरकार की ओर से वितरित किए जा रहे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को भ्रष्टाचार के दीमक ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया और गरीबों के मुँह से उनका निबाले को सेल्समैन ने आला अधिकारियों की मिली भगत से छीन लिया है । कनिष्क आपूर्ति अधिकारी के तबादले के बाद भी रिलीव नहीं मिलना न केवल सरकार और सरकार के मंत्रियों के आदेश को ठेंगा दिखा रहा है बल्कि सत्ता की मलाई का किस प्रकार से बंटाधार हो रहा है इस बात का भी साफ तौर पर अनुमान लगाया जा सकता है।
