क्षुल्लक नय सागर महाराज के सानिध्य में भक्ति भाव पूर्व सम्पन्न हुआ विधान
बोले जैन धर्म के प्रथम आराध्य है भगवान आदिनाथ
पोहरी-जैन धर्म के प्रथम तीर्थकर श्री 1008 आदिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक बड़े ही धूम धाम एव भक्ति भाव से पोहरी प्राचीन अतिशय क्षेत्र में मनाया गया
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में जैन समाज के योगेंद जैन पत्रकार ने बताया कि पोहरी में श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर जी मे भगवान आदिनाथ के मोक्ष कल्याणक बड़ी ही भक्ति भाव एव धूम धाम से भक्तों ने मनाया
आचार्य विद्यासागर महाराज के शिष्य क्षुल्लक 105 श्री नय सागर महाराज के सानिध्य में सुबह प्रातःकाल की वेला में भगवान श्री जिनेंद्र देव का भक्तो ने भक्ति पूर्वक अभिषेक एव शांति धारा की उसका उच्चारण क्षुल्लक श्री के मुखारबिंद से किया गया उसके बाद विधान क्षुल्लक श्री के सानिध्य में बड़े मंदिर पर भक्ति भाव एव संगीतमय विधान का आयोजन किया गया जिसमें भक्तो ने झूमझूम कर भक्ति भाव से विधान के अर्ध्य अर्पित किए उसके बाद निर्माण कांड पढ़ने के बाद निर्माण महोत्सव मनाया गया इसी दौरन भक्तो ने क्षुल्लक श्री 105 नय सागर महाराज के आशीष वचन भी ग्रहण किये इसी दौरन जैन समाज की महिला पुरुषों एव बच्चियो ने बढ़ चढ़कर कार्यक्रम में भाग लिए
