पोहरी अनारक्षित होने से बदले राजनीतिक समीकरण, मैदान में होंगे कई दिग्गज



पोहरी - पोहरी नगर मे पहली बार नगर पंचायत का चुनाव होने वाला है और नगर परिषद पोहरी के लिए पूर्व मे अध्यक्ष पद के सीट को ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित किया गया था लेकिन नए आरक्षण प्रक्रिया मे पोहरी नगर पंचायत अध्यक्ष की सीट अनारक्षित सीट हो गई और अनारक्षित होने के बाद दावेदारी करने वालों की संख्या भी बढ़ गई है । पहले पार्षद पद के टिकिट को लेकर दिग्गज अपनी दावेदारी भाजपा संगठन से लगा रहे, क्योंकि पार्षद की सीट जीतकर ही अध्यक्ष के पद तक पहुँच सकते है ।  इन तमाम दावेदारों के बीच एक नेत्री की दावेदारी अधिक प्रबल मानी जा रही है, वे न केवल पार्षद पद की दावेदारी कर रही हैं बल्कि पार्षदी जीतकर अध्यक्ष बनने तक की भी प्रबल दावेदार हैं , क्षेत्र में लगातार जनसेवा कर रही महिला नेत्री ने भी संगठन के समक्ष खुलकर अपनी दावेदारी पेश की है ।
लंबे समय से भाजपा नेत्री नगर परिषद अध्यक्ष की दावेदारी के चलते सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेकर, जनता के बीच पहुंचकर संकट की घड़ी में उनकी मदद के जरिए अपनी राजनीतिक जमीन तैयार कर रही थीं लेकिन लंबे समय से ही मध्यप्रदेश में लगातार नगरीय निकाय चुनावों को टाला जा रहा था और अब अध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होने के चलते प्रत्यक्ष रूप से उनकी दावेदारी भले ही न दिखाई दे रही हो लेकिन पार्षद की प्रबल दावेदार बनकर जीत को झोली में लेकर अध्यक्ष पद के लिए भी दावेदार रहेंगी । पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा और सक्रियता को देखते हुए बीते दिनों पार्टी ने उन्हें एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी लेकिन जनता के बीच जाने का मौका पार्टी देती है या नहीं ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा लेकिन उन्होंने पार्षद के लिए ताल ठोक दी है और पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के सामने अपनी दावेदारी पेश करने के साथ ही जनता के बीच अपनी पैठ को और अधिक मजबूती प्रदान करने की कोशिश भी कर रही हैं ।
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