शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में जिला चिकित्सालय शिवपुरी से टीवी अधिकारी डॉ. आशीष व्यास और कुष्ठ अधिकारी सतेंद्र शर्मा सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से एसटीएस दीपक सोलंकी, लैब टेक्नीशियन मनोज कुशवाह, विष्णु शर्मा सीएचओ, पीपीएसए रघुवीर जाटव, आशा सहयोगिनी रानी कुशवाह, आशा कार्यकर्ता कुसमा आदिवासी, पंचायत विभाग से सरपंच कुसमा आदिवासी, सचिव मस्तराम धाकड़ उपस्थित रहे ।
शिविर के दौरान डॉ. आशीष व्यास द्वारा लोगों को टीबी के बारे में जानकारी दी जिसमें टीबी के लक्षणों, स्वच्छता व उपचार के बारे में बताया जिससे लोग टीबी के लक्षणों की पहचान कर अपनी जांच करवा सके और टीबी का समय पर इलाज हो और समुदाय में पहले उसको रोका जा सके। जिला चिकित्सालय से आए कुष्ठ अधिकारी सुरेन्द्र द्वारा लोगों को कुष्ठ रोग के बारे में समझाया कि किसी के शरीर पर अगर सफेद दाग है उसी को ही कुष्ठ रोगी नहीं कहते। कुष्ठ रोग भी कई प्रकार का होता है जैसे हाथ पैरों का शून्य होना हाथ पैरों में काली गठान हो जाना, शरीर पर लाल चकत्ते होना, कान के पीछे की नस का उभर कर बाहर निकल आना, हाथ पैरों की उंगलियां गल जाना, उंगलियों में तिरछापन आना यह सभी लक्षण भी कुष्ठ रोग के ही होते हैं अगर ऐसे मरीज गांव में है तो उनको चिन्हित कर अस्पताल दिखना है।
जिला समन्वयक अजय यादव द्वारा बताया गया कि जिन लोगों को टीबी है वह लोग नशा का सेवन करते हैं शराब, तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट तो उन लोगों को दवा भी असर नहीं करती है। क्योंकि टीबी की जो बीमारी होती है वह भी नशा के कारण ही होती है इसलिए हमें नशे का सेवन नहीं करना चाहिए और आपको जो मुर्गी पालन और किचन गार्डन लगवाया है उसकी देखभाल अच्छे से करो जिससे कि आपको दवा के साथ अच्छा पोषण भी मिल सके और आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सके। विकास संवाद से टीबी निवारण परियोजना के सहायक समन्वयक हेमंत धाकड़ और काउंसलर रानी जाटव का भी विशेष सहयोग रहा।