मच्छर का छोटा सा डंक बन सकता है जानलेवा



शिवपुरी|  ब्रिटिश चिकित्सक, सर रोनाल्ड रॉस ने साल 1897 में 20 अगस्त को मादा एनाफिलीज मच्छर की खोज की थी, जो मलेरिया जैसी घातक बीमारी का कारण है। इसके बाद से हर साल इस दिन को पूरी दुनिया में विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज विश्व मच्छर दिवस है यह हर साल 20 अगस्त को मनाया जाता है इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियां और बचाव के प्रति जागरूक करना है। इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पवन जैन एवं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.संजय ऋषिवर के निर्देशन में एम्बेड परियोजना फैमिली हेल्थ इंडिया जिला स्वास्थ्य समिति के संयुक्त तत्वाधान में रविवार को जिला अस्पताल पर मलेरिया प्रदर्शनी लगाई गई। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.पवन जैन एवं डॉ.बी.एल.यादव उपस्थित हुए।
फैमिली हेल्थ इंडिया एंबेड परियोजना जिला समन्वयक दीपक जौहरी ने आमजन को बताए मच्छरों से जुड़े कुछ रोचक तथ्य – सिर्फ मादा मच्छर ही काटती हैं, नर मच्छर आराम से पौधों पर बैठे रहते हैं और मुख्यतः फूलों के रस से अपना पोषण करते हैं। मच्छर इंसानों की पहचान इंफ्रारेड रेडिएशन से करते हैं, इसलिए दिन-रात ये हमें काटते रहते हैं। मच्छरों की खून पीने की क्षमता बहुत अधिक होती है, ये अपने वजन से 3 गुना अधिक खून पी सकते हैं।  इस दौरान स्वास्थ्य विभाग से डाटा एंट्री ऑपरेटर नरेंद्र श्रीवास्तव एवं मलेरिया टीम व एंबेड परियोजना टीम के सदस्य प्रोग्राम एसोसिएट विवेक झा, ब्लॉक कॉर्डिनेटर, महेश, रियाज, सतेन्द्र, हरगोविंद, केशव, बंटी पवन का विशेस योगदान रहा। 
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