पुणे से लाकर भगवन गणेशजी को किया था स्थापित, 300 वर्ष पुराना है पोहरी का प्राचीन गणेश मंदिर

  




हितेश जैन पोहरी। पोहरी तहसील के किले में वसा प्राचीन गणेश मंदिर जो लगभग 300 वर्ष प्राचीन है पोहरी दुर्ग सिंधिया स्टेट के अंतर्गत आता था जो उस समय के जागीरदार बाला बाई सीतोले हुआ करती थी उन्होंने 1737 में इस मंदिर का निर्माण कराया था। गणेश मंदिर जी को पहले से ही इच्छा पूर्ति मंदिर माना जाता था इस मंदिर में जो भी भक्त लोग नारियल रखकर जो मनोकामना मांगते है वो पूरी हो जाती है इसलिए ग्रामीण क्षेत्र में  बसा होने के बाद भी यहाँ हजारों भक्तों का ताँता प्रति वर्ष लगा रहता है इस कारण देश के तो भक्त आते ही है विदेश से भी भक्तों का यहाँ आना लगा रहता है।

अब इस मंदिर की देखभाल का  खण्डालकर परिवार के हाथ में है खंडालकर परिवार के पूर्वज इस मंदिर की पूजा एवं देखभाल बर्षों से कर रहे है अजय खंडालकर जो मंदिर के पुजारी है उन्होंने बताया कि यहाँ पर जो भी भक्त अपनी भक्ति एवं मन से गणेश जी के सामने मन्नत मांगकर नारियल रखता है तो उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है।

लोगों द्वारा मन्नत पूरी होने के बाद भी मंदिर जी में आते है और बताते है कि हमने जो मन्नत मांगी थी वो इच्छा पूर्ति गणेश जी ने पूरी कर दी यहाँ पर महाराष्ट्र, नासिक, बॉ बे, पूणे, बैंगलोर,दिल्ली, ग्वालियर आदि जगह के भक्त तो आते हैं विदेश से भी इंगलैंड, अमेरिका और कनाडा आदि जगह के भक्त भी मनोकामना मांगने एवं दर्शन करने आते हैं हर बुधवार को यहाँ भक्त लोग दर्शन करने आते है


नारियल रखने से लड़कियो की हो जाती है जल्दी शादी

पोहरी इच्छा पूर्ति गणेश मंदिर जी में स्थानीय लोगो की मान्यता अधिक है और बाहर से भी लोग यहाँ दर्शन करने एवं मनोकामना मांगने आते हैं पोहरी गणेश मंदिर की विशेषता है कि यहाँ कुंवारी लड़की शादी के लिए नारियल रख देती है तो उनकी शादी जल्दी हो जाती है। इसके लगवा कोई सच्चे मन से अन्य मनोकामना भी मागंते है वो पूरी होती है

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