पोहरी। पोहरी के कृष्णगंज में स्थित निजी जमीन की 32 साल पुरानी रजिस्ट्री शून्य घोषित होते हुए भी पोहरी तहसीलदार द्वारा किए गए नामांतरण के मामले को मुख्यमंत्री कार्यालय भोपाल द्वारा संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर शिवपुरी को उक्त मामले में जांच कर कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया है। उपसचिव मुख्यमंत्री महीप तेजस्वी द्वारा 20 सितम्बर को उक्त आदेश जारी किए गए है। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त पत्र के बाद कलेक्टर शिवपुरी ने तुरंत एक्शन लेते हुए एसडीएम पोहरी को नामांतरण की जांच कर प्रतिवेदन सौंपने के आदेश दिए गए हैं।
यहां बता दें कि पीडि़त महेन्द्र, अरुण कुमार जैन द्वारा उक्त मामले की शिकायत एसडीएम पोहरी, कलेक्टर, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व मंत्री, प्रमुख सचिव, प्रभारी मंत्री, आयुक्त ग्वालियर से लिखित शिकायत करते हुए मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग रखी है। बड़े भाई ने छोटे भाई के हिस्से की जमीन की भी रजिस्ट्री करा दी थी, जिससे रजिस्ट्री विवादित हो गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा प्रकरण को संज्ञान में लिया गया है।
मामले में अरुण का कहना है कि ताऊ मांगीलाल जैन ने साल 1991 में सर्वे नंबर सर्वे नंबर 244 / 2 रकबा 0.10 हेक्टेयर और सर्वे नंबर 243/2 रकबा 0.261 हेक्टेयर की रजिस्ट्री की रजिस्ट्री श्यामलाल धाकड़ निवासी ग्वालिपुरा पोहरी को करा दी थी। चूंकि उक्त जमीन में पिता सूखालाल जैन का हिस्सा था। कोर्ट ने साल 2005 में रजिस्ट्री को शून्य घोषित कर दिया। लेकिन जून 2023 में उक्त रजिस्ट्री पर पोहरी तहसीलदार अजय परसेडिय़ा ने आदेश जारी कर नामांतरण कर दिया है।
जबकि विक्रेता मांगीलाल जैन का निधन 27 साल पहले ओर मुलियादेवी का निधन 26 साल पहले हो गया और क्रेता राजेश धाकड़ का निधन 15 साल पहले हो चुका है। नामांतरण श्यामलाल के बेटे राजेश धाकड़, अशोक धाकड़ और मनोज धाकड़ के नाम से हुआ है। जबकि तीनों भाईयों में से राजेश धाकड़ का निधन 15 साल पहले हो चुका है। विक्रेता मांगीलाल 27 साल पहले निधन के बाद भी न्यायालय में शपथपत्र पेश कर दिया है।