कैलाश कुशवाहा और उनके परिवार ने सामाजिक कुरीति को खत्म करने के लिए उठाया एक बड़ा कदम


पोहरी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैलाश कुशवाहा और उनके परिवार ने कुरीति को खत्म कर एक बड़ा कदम उठाया और साथ ही  2100 पेड़ लगाना और उनकी देखरेख करने का संकल्प लिया, क्योंकि कोरोना काल में कई लोग ऑक्सीजन की कमी के चलते काल के मुख में समा गए। वहीं महात्मा ज्योतिबा फुले जो की एक भारतीय समाज सुधारक , विचारक , समाजसेवी लेखक , दार्शनिक तथा क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे । इन्हें महात्मा फुले एवं ज्योतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है।  

इन्होंने महाराष्ट्र में सत्यशोधक समाज नामक संस्था का गठन किया। साथ ही महिलाओं के उत्थान के लिए इन्होंने कई कार्य किए। वहीं सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका समाज सुधारीका एवं मराठी कवयित्री थी।  उन्होंने अपने पति ज्योतिबा गोविंद राव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया । आपको बता दें की 1848 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। वहीं उनकी मूर्ति समाज की धर्मशाला में स्थापित करने का संकल्प लिया है । सभी समाजों में एक संदेश यह भी देंगे कि जो पैसा हम 13वीं पर खर्च करते हैं, वही पैसा हम गरीबों की कन्याओं एवं गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च करेंगे। 

जिससे उन बच्चों की अच्छे से मदद कर सके। आपको बता दे की 2014 में कैलाश कुशवाहा द्वारा कुरीति के खिलाफ में लगातार सक्रिय रहे हैं, आज जब अपने परिवार पर विपत्ति आई तो सर्व सहमति से यह निर्णय लिया कि हम एकजुट होकर समाज के उत्थान के लिए कार्य करेंगे।

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