ग्राम पंचायत दौरानी का मामला
भगवान भरोसे मनरेगा योजना, पलायन को मजबूर मजदूर, मशीनों से जारी काम
योगेंद्र जैन पोहरी। केंद्र सरकार की गरीब मजूदर के लिए मनरेगा योजना शुरू की थी जिसे अपने गाँव मे ही लोग मजदूरी कर सके, लेकिन पोहरी क्षेत्र मे यहाँ योजना मशीनों की योजना बनकर रहा गईं है जिसे आदिवासी सहित गरीब मजदूर पलायन करने को मजबूर है
पोहरी जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत दौरानी में मनरेगा के अंतर्गत होने वाले तालाब निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जिसकी शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामवासी ने तालाब निर्माण में चल रहे भ्रष्टाचार की शिकायत कलेक्टर को शिकायती आवेदन देकर की है और निर्माण की निष्पक्षता से जाँच कराकर कार्रवाई करने की मांग की।
कागजो मे मजदूरी लेकिन मोके पर मशीनों से काम -पोहरी जनपद के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत दौरानी के ग्राम सिकंदपुरा में चल रहे मनरेगा के तहत तालाब निर्माण कार्य में ही रहे भ्रष्टाचार का है। जहाँ एक ही तालाब पर तीसरी बार राशि निकालने की खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार ग्राम सिकंदपुरा में जिस तालाब पर कार्य बताकर राशि निकाली रही है तालाब कुछ वर्षों पहले वाटरशेड योजना के द्वारा चनाया गया था जिस पर भी पूर्व सरपंच द्वारा तालाब जीवीद्धार के नाम पर दो बार पांच-पांच लाख की राशि का आहरण किया था जो सम्पूर्ण रूप से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। जिसके बाद वर्तमान सरपंच को भी वही तालाब मिला और चौथी बार तालाब नवीनीकरण के नाम पर 25 लाख की राशि का आहरण चल रहा है।
मनरेगा योजना नहीं, मशीन योजना- केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा पर करोड़ों रुपए खर्च करने का उद्देश्य सिर्फ गरीबो को काम देने उद्देश्य था
जिसे विकास कार्यों साथ साथ ग्रामीणों को रोजगार मिल सके, पर आज सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार की भेंट मनरेगा ही चढ़ रही है। सारे कार्यों को मशीनों से कराकर फर्जी मास्टर डाले जा रहे है। कमीशन का जोर इतना है कि सरकारों को ज्यादातर योजना भ्रम्हचार की भेंट यड़ रही है।
पुराने कामों पर कैसे होती है एएस-टीएस-यह कार्य सबइंजीनियर का है। जिसके लिए सब इंजीनियर को मौके पर जाकर यह सब करना होता है। एक ही जगह पर एक ही कार्य के चौथी बार पैसे के आहरण के बाद सबइंजीनियर संदेह के घेरे में आ रहे है।पंचायत में मनरेगा के कार्यों का जिम्मेदार रोजगार सहायक होता है। अगर मनरेगा कार्य में कोई भी लापरवाही या भ्रष्टाचार होता है तो पंचायत के रोजगार सहायक पर कार्यवाही की जाती है मनरेगा के कार्य मशीनों से कराकर फर्जी मस्टर डाल रहा है। जब इस मागले जानकारी के लिए सबइंजीनियर से संपर्क करना चाहा तो जनाब ने फोन तकअटेंड नहीं किया। अपनी जबाबदेही का ठीक से निर्वहन ना करना कहा तक उचित है।