शिष्य ज्ञान के साथ विनयवान बने -मुनि श्री समतासागर महाराज

अभिषेक जैन बागीदौरा-मुनि श्री  समता सागरजी  महाराज का 36वां दीक्षा  दिवस मनाया गया। संयम भवन में मुनिश्री समता सागरजी महाराज  ने कहा कि गुरु से ज्ञान तो हर शिष्य प्राप्त करता है। लेकिन शिष्य उस अर्जित ज्ञान का उपयोग कैसे करता हैं यह महत्व की बात है। शिष्य को ज्ञानवान होने के साथ विनयवान बनना जरूरी हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत में आचार्य श्री विद्यासागरजी  महाराज की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन सागर, विदिशा, अकोला व खांदू कॉलोनी के श्रद्धालुओं ने किया। बालिकाओं द्वारा मंगलाचरण व महाराष्ट्रीयन वेशभूषा में नृत्य प्रस्तुत किया। डॉ. सपना जैन व डॉ. शोभा जैन ने गुरु समता सागरजी महाराज  का जीवन परिचय देते हुए प्रेरक प्रसंग बताए। खांदू कॉलोनी की जैन महिला मंडल द्वारा गुरू पूजा की गई। ऐलक श्री निश्चय सागरजी महाराज  ने कहा कि मुनि श्री  ने दिगंबर दीक्षा धारण कर जैनागम में मोक्ष मार्ग की कठिन साधना को अपनाने के साथ श्रमण संस्कृति की राह पर अग्रसर रहे। शाम को 36 दीपकों से मुनिश्री की आरती की
  संकलन अभिषेक जैन लुहाडिया रामगंजमंडी

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