बावनगजा-घुटन जीवन की बड़ी बीमारी है। यह व्यक्ति को खोखला व खाली कर देती है। इससे व्यक्ति का अस्तित्व भी खो जाता है। तकीनीकी व विज्ञान में हमने बहुत प्रगति की किंतु इस प्रगति के बाद हम मानसिक रोग के शिकार हो गए है। घुटन, अवसाद, पीड़ा व टीस का परिणाम है कि व्यक्ति शक्तिहीन होकर शक्ति क्षीण हो गया है।
बावनगजा में प्रवचन के दौरान मुनिश्री प्रमाण सागरजी महाराज ने समाज के लोगों से यह बात कही। उन्होंने कहा- पहले व्यक्ति खप्पर में भी आनंद से सोता था। अब एसी में भी दम घुटता है। पारिवारिक घुटन में स्थिति न पचाने की है, न सुनाने की। अच्छा है हम कड़वा घुट पीकर अपने उपेक्षित होने के भाव को अपेक्षा न रखते हुए आनंद से जीएं। व्यक्ति समुचित मान नहीं मिलने पर भी अपमान महसूस करता है। हम मान कषाय को दूर करें। अपने अज्ञान को हटाकर प्रसन्न रहना सीखें। जहां घुटन हो वहां मान कषाय के खिड़की, दरवाजे बंद कर दें। संवाद रखें। समझ से काम लें। मायूसी को मुस्कान में बदलें। सार तत्व को ग्रहण करें। चाहे जो घट जाए, घुटन महसूस नहीं करें। भगवान की वाणी को घोटकर पी लें। जीवन अमृत कलश हो जाएगा। समस्या भी तपस्या बन जाएगी। परिस्थितियां प्रतिकूल होने पर मनस्थिति को अनुकूल बना लें। जीवन धन्य हो जाएगा। समाज के पारस कासलीवाल ने बताया बावनगजा में गुरुवार सुबह पूजन विधान हुआ।
बावनगजा में प्रवचन के दौरान मुनिश्री प्रमाण सागरजी महाराज ने समाज के लोगों से यह बात कही। उन्होंने कहा- पहले व्यक्ति खप्पर में भी आनंद से सोता था। अब एसी में भी दम घुटता है। पारिवारिक घुटन में स्थिति न पचाने की है, न सुनाने की। अच्छा है हम कड़वा घुट पीकर अपने उपेक्षित होने के भाव को अपेक्षा न रखते हुए आनंद से जीएं। व्यक्ति समुचित मान नहीं मिलने पर भी अपमान महसूस करता है। हम मान कषाय को दूर करें। अपने अज्ञान को हटाकर प्रसन्न रहना सीखें। जहां घुटन हो वहां मान कषाय के खिड़की, दरवाजे बंद कर दें। संवाद रखें। समझ से काम लें। मायूसी को मुस्कान में बदलें। सार तत्व को ग्रहण करें। चाहे जो घट जाए, घुटन महसूस नहीं करें। भगवान की वाणी को घोटकर पी लें। जीवन अमृत कलश हो जाएगा। समस्या भी तपस्या बन जाएगी। परिस्थितियां प्रतिकूल होने पर मनस्थिति को अनुकूल बना लें। जीवन धन्य हो जाएगा। समाज के पारस कासलीवाल ने बताया बावनगजा में गुरुवार सुबह पूजन विधान हुआ।
मेले के पहले दिन होगा भक्तामर विधान
बावनगजा में 2 फरवरी से दो दिनी वार्षिक मेला शुरू होगा। इसको लेकर तैयारियां अंतिम दौर में है। कासलीवाल ने बताया मेले के पहले दिन भक्तामर विधान होगा। 3 फरवरी की सुबह 8.30 बजे प्रवचन, शोभायात्रा, सुबह 10.15 बजे से शांतिधारा हाेगी। निर्वाण लाडू, महाआरती व दोपहर 3 बजे से प्रवचन होगा। शाम 6 बजे से शंका समाधान कार्यक्रम होगा। उन्होंने बताया मेले में देश के विभिन्न राज्यों से समाज के लोग शामिल होंगे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी
बावनगजा में 2 फरवरी से दो दिनी वार्षिक मेला शुरू होगा। इसको लेकर तैयारियां अंतिम दौर में है। कासलीवाल ने बताया मेले के पहले दिन भक्तामर विधान होगा। 3 फरवरी की सुबह 8.30 बजे प्रवचन, शोभायात्रा, सुबह 10.15 बजे से शांतिधारा हाेगी। निर्वाण लाडू, महाआरती व दोपहर 3 बजे से प्रवचन होगा। शाम 6 बजे से शंका समाधान कार्यक्रम होगा। उन्होंने बताया मेले में देश के विभिन्न राज्यों से समाज के लोग शामिल होंगे।
संकलन अभिषेक जैन लुहाड़ीया रामगंजमंडी