बच्चों में लौकिक-आध्यात्मिक विद्या का ज्ञान होना परम आवश्यक: ज्ञानमति माताजी



भगवा-ञानमती माताजी का ससंघ आगमन भगवां नगर में हुआ। तीर्थ द्रोणगिरि के मंत्री भागचंद जैन व उपमंत्री राजेश रागी ने बताया कि माताजी ससंघ प्रथम बार बुंदेलखंड की यात्रा पर आई हैं, उनका अयोध्या के लिए विहार चल रहा है।
ज्ञानमती माताजी ने श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा से ही मनुष्य का विकास होता है। मानव जीवन में शिक्षित व्यक्ति द्वारा ही परिवार व समाज का अस्तित्व साकार होता है।
माताजी ने कहा कि आदर्श नागरिक बनने के लिए बच्चों में अच्छे संस्कार होना बहुत जरूरी हे। उनमें लौकिक व आध्यात्मिक विद्या का ज्ञान होना आवश्यक है। इस पर भद्रबाहु की कथा का उदाहरण दिया। विश्व शांति के लिए यज्ञ, विधान अनुष्ठान करते रहें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ज्ञानमति माताजी बुंदेलखंड के प्रसिद्ध तीर्थ कुंडलपुर, नैनागिर, पपौरा सहित अनेक तीर्थों का भ्रमण करते हुए द्रोणागिरि पहुंचीं।
भगवां के श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती बड़ा मंदिर में सुबह साढ़े 7 बजे अभिषेक शांतिधारा पूजन के बाद दोपहर एक बजे से माताजी के प्रवचन शुरू हुए। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रवचन का लाभ उठाया।
अहिंसा पब्लिक स्कूल में श्रीज्ञानमति ग्रंथालय का शुभारंभ
माताजी के हाथों चंदनामति माताजी व पीठाधीश रविंद्र कीर्ति स्वामी की मौजूदगी में हुआ।
      संकलन अभिषेक जैन लुहाडीया रामगंजमंडी

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