जीएसटी रिफॉर्म देश की आर्थिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन, अमेरिका के टैरिफ़ वार की आपदा को मोदी जी ने अवसर में बदल दिया है - प्रहलाद भारती


शिवपुरी -केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा किया गया जीएसटी रिफॉर्म देश की आर्थिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है. अमेरिका के टैरिफ़ वार की आपदा को मोदी जी ने अवसर में बदल दिया है. उपरोक्त प्रतिक्रिया भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने मोदी सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी रिफॉर्म पर व्यक्त करते हुए दी है. पूर्व विधायक भारती ने कहा है कि इस जीएसटी रिफॉर्म से न केवल उद्योग जगत को फायदा होगा बल्कि उपभोक्ताओं को भी बहुत सहूलियत मिलेगी. यह देश के लोगों के परचेज पॉवर को बढ़ाकर उन्हें और अधिक सशक्त बनाएगा. 22 सितंबर शारदेय नवरात्रि के साथ यह जीएसटी रिफॉर्म लागू होने जा रहा है. इस दिन शारदेय नवरात्रि होने और दीपावली सीजन शुरू होने से बाजारों में रौनक आ जाती है. दीपावली के बाद विवाहों का सिलसिला प्रारंभ होता है जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इस साल अच्छे मानसून के कारण फसल भी अच्छी आने की उम्मीद बाजार लगाए बैठा है. जीएसटी दरों में किये गए परिवर्तनों का सीधा असर उपभोक्ता बाजार पर होना सुनिश्चित है. अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाकर भारतीय उद्योग और व्यापार जगत को जो झटका दिया गया उससे उबरने के लिए केंद्र सरकार ने यह फैसला लेने में स्वागतयोग्य तत्परता दिखाई है. 
       पूर्व विधायक प्रहलाद भारती का कहना है कि दैनिक जीवन की अनेक वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त रखना और ज्यादातर को 5 फीसदी के दायरे में ले आना निश्चित तौर पर आम जनता की क्रय शक्ति को बढ़ायेगा. 28 फीसदी वाली अनेक चीजों पर 18 फीसदी जीएसटी भी उपभोक्ता और उत्पादक दोनों के लिए मददगार सिद्ध होगा. कैंसर सहित अनेक जीवन रक्षक दवाओं के अलावा चिकित्सा सामग्री को 5 प्रतिशत की सूची में लाने का फैसला भी उत्साहजनक है. इंडिविजुअल इंश्योरेंस और मेडिक्लेम से जीएसटी पूरी तरह से हटा लेना एक ऐतिहासिक कदम है, इसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है. एक लंबे समय से यह विमर्श का मुद्दा था कि जिस वर्ग को सरकार कोई राहत नही दे पा रही है, जो वर्ग पेट काटकर खुद मेडिक्लेम भरता है उस पर 18% जीएसटी नहीं लगना चाहिए. आखिरकार केंद्र सरकार ने संवेदनशीलता के साथ उस मुद्दे का स्थायी समाधान किया है. 
            पूर्व विधायक प्रहलाद भारती का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार से जनसाधारण की एक और माँग थी कि गरीब इंसान, मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय परिवार जब अपना संघर्ष शुरू करता है तो सबसे पहले जैसे-तैसे दो पहिया वाहन खरीदता है. दो पहिया वाहन पर केंद्र सरकार ने जीएसटी कम किया है. इससे संघर्ष करने वाले लाखों परिवारों को बड़ी राहत मिलने जा रही है. जीएसटी की नई दरों से देश का शेयर मार्केट झूम रहा है. सरकार ने जीएसटी से 28% और 12% वाला टैक्स खत्म कर दिया है और अब केवल 5% और 18% टैक्स ही रहेंगे. जीएसटी लागू करते समय भी सरकार ने कहा था कि जीएसटी कलेक्शन बढ़ने के बाद टैक्स में कमी की जाएगी. पहले व्यापारी को कई सारे अलग-अलग तरह के टैक्स जैसे वैट, एक्साइज, चुंगी, सर्विस टैक्स आदि देने होते थे. इन सबको खत्म करके जीएसटी लाया गया था. 8 वर्ष बाद देश में अब एक नया आर्थिक युग आरंभ होने जा रहा है. 12% जीएसटी वाली 99% चीजें अब 5% के दायरे में होंगी. 28% GST वाली 90% चीजें अब 18% टैक्स के दायरे में होंगी. सिन गुड्स अर्थात सिगरेट, पान मसाला जैसी चीजों और विलासिता की वस्तुओं के लिए एक नई कर व्यवस्था के तहत 40% जीएसटी तय किया गया है. इस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने घरेलू उपभोग बढ़ाने के लिए 90% वस्तुओं पर जीएसटी कम कर दिया है, जिससे आम जनता को सस्ते सामान की उपलब्धता सुनिश्चित होने के रास्ते साफ़ हो गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी की राहत सबसे ज्यादा वहीं दी गई हैं जहाँ अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रम्प के टैरिफ़ का असर सबसे ज्यादा है. ऐसा होने से व्यापारी निर्यात व्यापार ना मिलने से बर्बाद होने से बचेंगें और घरेलू बाजार में उनके उत्पादों की बिक्री प्रोत्साहित होगी. इसी साल बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 12 लाख करने के अलावा 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी वरिष्ट नागरिकों को 5 लाख तक की आयुष्मान भारत योजना का लाभ देकर केंद्र सरकार ने जनकल्याण की दिशा में जो कदम बढ़ाये उसी का विस्तार जीएसटी में किये गए ताजा बदलाव हैं. इससे आम उपभोक्ता को जो लाभ होगा वह या तो बचत के रूप में राष्ट्रीय विकास में सहायक होगा या फिर बाजार में आयेगा. 
           पूर्व विधायक प्रहलाद भारती का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी जी वर्तमान में मजबूत वैश्विक नेता के तौर पर स्थापित हो चुके हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ रूपी दबाव के सामने झुकने के बजाय मुस्तैदी से प्रतिकार कर उन्होंने भारत के सामर्थ्य और स्वाभिमान का परिचय दिया है. ट्रम्प द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को मृत बताकर जो घमंड दिखाया उसका माकूल जवाब है जीएसटी में किया गया बदलाव. वरना कमजोर आर्थिक स्थिति वाला देश जनता को राहत देने का खतरा कतई मोल नहीं लेता. जीएसटी रिफॉर्म यह बहुप्रतीक्षित कदम है जिसके माध्यम से दुनिया को आर्थिक क्षेत्र में भारत की मजबूती का संदेश दिया गया है.

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