पोहरी में दसलक्षण महापर्व की भक्ति गूंज, नन्हें फ़रिश्तों की प्रस्तुति ने जीता मन

7 सितंबर को नगर में धूमधाम से निकलेगी भगवान जिनेन्द्र देव की शोभायात्रा

पोहरी। जैन धर्मावलंबियों का आत्मशुद्धि और मोक्ष की प्राप्ति का पर्व दसलक्षण महापर्व पूरे भक्तिभाव और उल्लास के साथ पोहरी नगर में मनाया जा रहा है। जैन समाज के योगेंद्र जैन पत्रकार ने बताया कि श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में सुबह अभिषेक, शांतिधारा और सामूहिक पूजन-पाठ के साथ आराधना की जा रही है। नौवें दिन उत्तम अकिंचन धर्म की आराधना संपन्न हुई। बाल ब्रह्मचारी महेंद्र भैया ने प्रवचन में समझाया कि भौतिक वस्तुओं में सुख खोजने से दुःख की उत्पत्ति होती है, जबकि आवश्यक वस्तुओं के साथ संतोषपूर्ण जीवन ही अकिंचन धर्म का सार है।

शाम के प्रवचन और महाआरती के बाद नन्हें-मुन्ने बच्चों की भक्ति प्रस्तुतियों ने सभी का मन मोह लिया। मंदिर जी में घंटा बाजे टन-टन और तोता तोता तू क्यों रोता जैसे भजनों पर बच्चों ने उत्साहपूर्वक प्रस्तुतियां दीं। आरुषि जैन टुकटुक के मार्गदर्शन में बाल कलाकारों ने जैन भजनों पर शानदार नृत्य-प्रस्तुति कर वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। इस दौरान समाज के लोगों ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

 भक्ति का महापर्व, नगर की आस्था का उत्सव

महापर्व के समापन अवसर पर 7 सितंबर को भगवान जिनेन्द्र देव की भव्य शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गों से निकाली जाएगी। श्री 1008 आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर किले के अंदर से प्रारंभ होकर यह शोभायात्रा नगरभर में धर्म-भक्ति का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करेगी। इस शोभायात्रा में न केवल पोहरी बल्कि शिवपुरी, करैरा, कोलारस, बदरवास, लुकवासा, नरवर, सिरसौद, मारोरा, बैराड़, परीच्छा, बर्बे, श्योपुर सहित विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबियों के शामिल होने की संभावना है। भक्ति, तप और अनुशासन की यह शोभायात्रा नगरवासियों के लिए एक भावनात्मक और ऐतिहासिक क्षण होगी।

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