खनियांधाना के 300 वर्ष प्राचीन किले के रामजानकी मंदिर से बीती रात स्वर्ण कलश चोरी चोरी गए कलश की कीमत करोड़ों में पहले भी दो बार हो चुके हैं चोरी के प्रयास मौके पर पुलिस टीम के अलावा खोजी कुत्ता व फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट भी पहुंचे

सचिन मोदी खनियाधाना -नगर के प्राचीन किले में स्थित करीब 300 वर्ष प्राचीन राम जानकी मंदिर के शिखर पर लगा हुआ करीब 50 किलो बजन का सोने का कलश बीती रात अज्ञात चोर चुरा कर ले गए
चोरी हुए कलश की कीमत करोड़ों रुपए में आकी जा रही है जबकि कुछ लोगों का कहना है की कलश का वजन करीब 50 किलो था लेकिन उस पर सोने के पत्र चढ़े हो सकते हैं । जिसकी कीमत भी करोड़ो रूपये हो सकती है
सूचना मिलते ही मौके पर पिछोर एसडीओपी आरपी मिश्रा तथा खनियाधाना टीआई राकेश शर्मा पहुंच गए थे तथा मामले की तहकीकात कर रहे हैं
सैकड़ों  सैकड़ों वर्ष प्राचीन तथा ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व का होने के कारण मौके पर जिले से डॉग स्कॉड तथा फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट भी मौके पर पहुंचे हैं
इस बीच खनियाधाना राजमहल में भारी भीड़ एकत्रित हो चुकी है तथा बाजार बंद करा दिए गए हैं तथा चोरी का पता न चलने पर उग्र प्रदर्शन की चेतावनी भी पुलिस अधिकारियों को दी गई है इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद जिले के SP सहित जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है जिससे लोगों में भारी आक्रोश है
बताया गया है कि इसके पूर्व भी दो बार इस कलश को चोरी करने का प्रयास किया जा चुका है जिसमें वर्ष 1983 में तो चोरों की पूरी गैंग तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा सूझबूझ का परिचय देते हुए पकड़ी गई थी तथा वर्ष 2006 में भी कुछ अज्ञात चोरों ने कलश को चुराने का प्रयास किया था तथा मौके पर रस्सी ,  गेंती भी छोड़कर भाग भी गए थे तथा प्रयास में सफल नहीं हो सके
आज हुई चोरी के बारे में प्रारंभिक रूप से कोई सुराग नहीं मिले हैं लेकिन बताया जा रहा है कि मंदिर में 2 माह पूर्व रेनोवेशन का कार्य चल रहा था जिसके लिए महाराष्ट्र के नांदेड़ से मजदूर आए थे जिनकी जांच की जा रही है
इसी प्राचीन किले के एक भाग में खनियाधाना राजमहल के सदस्य शैलेंद्र प्रताप सिंह जूदेव जो कि वर्तमान में नगर परिषद खनियाधाना के अध्यक्ष है तथा कौशलेंद्र प्रताप सिंह राजा बाबा ने बताया यह मंदिर करीब 300 वर्ष प्राचीन है तथा ओरछा के रामराजा मंदिर और इस मंदिर पर एक साथ ही कलश चढ़ाए गए थे । जिससे इसका धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व था । नगर के भक्तगणों की विशेष आस्थाएं इस मंदिर के साथ जुड़ी हुई थी तथा जब तक पुलिस प्रशासन चोरों का पता नहीं चलाता है हम इसके लिए प्रयास करते रहेंगे ।

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