ऐलकश्री सिद्धांत सागर जी के चातुर्मास की कलश स्थापना 30 को

सचिन मोदी खनियांधाना , नगर के पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर में विराजमान  आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभाकर शिष्य 105 एेलकश्री सिद्धांत सागर जी महाराज का पावन वर्षायोग का लाभ इस वर्ष खनियाधाना जैन समाज को मिला है  जिसकी चातुर्मास मंगल कलश स्थापना का कार्यक्रम आगामी 30 जुलाई सोमवार को रखा गया है । चातुर्मास समिति के अध्यक्ष अखिलेश जैन ने बताया कि 30 जुलाई  सोमवार को धूमधाम से ऐलक श्री 105 सिद्धांत सागर जी महाराज का वर्षा योग कलश स्थापना समारोह   बड़ा जैन मंदिर मैं दोपहर 1 बजे से होगा । सर्वप्रथम कलश यात्रा चल समारोह का आयोजन किया होगा जिसमें विराजमान होने वाली सभी कलशों को समाज की महिलाएं अपने सिर पर विराजमान करके शोभायात्रा के रूप में नगर के मुख्य मार्गो से होते हुए पुनः मंदिर जी  में पहुंचेगी । तत्पश्चात यह धर्म सभा में परिवर्तित हो जाएगा जिसकी अध्यक्षता डॉ. राघवेंद्र शर्मा (बाल अधिकार संरक्षण आयोग) करेंगे  एवं धर्म सभा के मुख्य अतिथि दीपक मिश्रा अशोकनगर प्रांतीय अध्यक्ष धर्म प्रसार विश्व हिंदू परिषद होंगे । कार्यक्रम में स्थानीय जैन समाज के अलावा आसपास की चौरासी जैन समाज तथा देश के विभिन्न शहरों के श्रद्धालुजन सम्मिलित होंगे ।

प्रतिदिन हो रहे  प्रवचनों में ऐलक श्री ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि करुणा , अहिंसा और जीव रक्षा की मूल भावना से प्रेरित होकर जैन साधु वर्षाकाल के  4 महीने तक एक ही स्थान में रहकर धर्म साधना करते हैं तथा समाज में स्वाध्याय , प्रभावना और संस्कार निर्माण का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं । वर्षायोग एक ऐसा कार्य है जिससे संत समागम का लाभ सभी समाज जनों के साथ साथ संपूर्ण नगर वासियों को मिलता है । संतो के साथ परमात्मा आत्मा की चर्चा करने वाले ग्रहस्थ जन जन्म जन्म के पापों से मुक्त हो जाते हैं अनेक प्रकार की समृद्धियां प्राप्त करके अपनी दरिद्रता को समाप्त करते हैं । असंख्य संकटों से मुक्ति दिलाने वाला संत समागम ही होता है गुरुदेव के चरणों में बैठकर  अपनी पूर्णता को प्राप्त करने वाला ही सही मायने में गुरु पूर्णिमा मनाता है ।

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