शिवपुरी-जिला जेल शिवपुरी में जेलर दिलीप सिंह द्वारा कैदियों के जीवन में बदलाव लाने एवं उन्हें अपराधों से दूर करने के लिए विभिन्न धार्मिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। इसी क्रम में जिला जेल में पिछले तीन माह से श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग (जीवन जीने की कला) द्वारा हैप्पीनेस का कोर्स कराया जा रहा है। जिसे आईटीबीपी डीआईजी राजकिशोर शाह, अमरीश खंडेलवाल एवं मेनिका शाह के मार्गदर्शन में किया गया। इस हैप्पीनेस कोर्स के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले 30-35 बंदियों को गहरे ध्यान शिविर के लिए सिलेक्ट किया गया। तीन दिवसीय गहरे ध्यान शिविर में अंतर्राष्ट्रीय बैंगलोर आश्रम के स्वामी ओमकारानंद जी द्वारा बंदियों को गहन ध्यान का अभ्यास कराया जा रहा है। मंगलवार को शिविर का दूसरा दिन था। शिविर सुबह 7 बजे से प्रारंभ होकर शाम 5 बजे तक चलता है। आईटीबीपी डीआईजी श्री शाह ने बताया कि परिसर से बाहर इस कोर्स को करने के लिए चार हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं जबकि जिला जेल परिसर में यह कोर्स मुख्य आश्रम के निर्देशानुसार नि:शुल्क रूप से कराया जा रहा है, साथ ही हैप्पीनेस कोर्स के 750 रुपए लगते हैं उसे भी नि:शुल्क कराया जा रहा है।
300 से अधिक बंदी ले चुके हैप्पीनेस का लाभ-आईटीबीपी डीआईजी श्री शाह ने बताया कि अब तक 300 से अधिक बंदी हैप्पीनेस कोर्स का लाभ ले चुके हैं, जिससे बंदियों के जीवन में बदलाव देखने को मिला और उन्होंने अपराधों से दूर रहने का भी संकल्प लिया। डीआईजी ने बताया कि इससे पूर्व वह भोपाल सेंट्रल जेल में दो वर्ष में 3500 बंदियों को हैप्पीनेस का प्रशिक्षण दे चुके हैं।
गहन ध्यान से हमेशा रह सकते हैं चिंता और तनाव से मुक्त -आईटीबीपी डीआईजी श्री शाह ने बताया कि हैप्पीनेस कोर्स के द्वारा मन को शांति, खुशी, चिंता एवं तनाव से मुक्ति तो मिलती है, लेकिन यह विचलित होती रहती है। इसे स्थायित्व देने के लिए गहन ध्यान की आवश्यकता होती है। गहन ध्यान यानि एडवांस मेडीटेशन के द्वारा इसे स्थाई बनाया जा सकता