पोहरी में कोचिंग संचालक की लालच की भेंट चढ़ा, बच्चो का भविष्य

हितेश जैन - जिले की पोहरी तहसील हमेसा से सुर्खियों में रही है पोहरी क्षेत्र में कोचिंग संस्थान बिना पंजीयन के संचालित हो रहे हैं। इन कोचिंगों में से किसी ने भी पंजीयन नही कराया है, जबकि कोचिंग संस्थाएं बिना पंजीयन के संचालित हो रही हैं। दर्जनों कोचिंग संस्थानों द्वारा बिना किसी पंजीयन के कोचिंग संचालित करने की जानकारी शिक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारियों को होने के बाद भी कारवाई नहीं की जा रही है।

प्रशासन भी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। नियम के अनुसार समय-समय पर बीआरसी और बीईओ को अपने क्षेत्र के कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण कर पंजीयन संबंधित कागजात व अन्य सुविधाओं की जांच करनी होती है। लेकिन सालों न तो शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करने के लिए कोई ठोस कदम उठाया है न ही प्रशाासन की ओर कोई कारवाई की गई। 

*चंद पेसो के लिए बिगड़ रहे बच्चो का भविष्य*

पोहरी क्षेत्र में कोचिंग संस्थान बिना पंजीयन के संचालित हो रहे हैं। इन कोचिंगों में से कुछ ने ही पंजीयन कराया है, जबकि अन्य कोचिंग संस्थाएं बिना पंजीयन के संचालित हो रही हैं। दर्जनों कोचिंग संस्थानों द्वारा बिना किसी पंजीयन के कोचिंग संचालित करके चंद पेसो के लिए बच्चो का भविष्य खराब कर रहे है कुछ ऐसे भी कोचिंग संचालित है जिनके पास कोई डिग्री भी नही है।

*कोचिंग संस्थान के लिए तीन विभागों में कराना होता हैं पंजीयन*

शासन के नियम के अनुसार किसी भी केाचिंग संचालक को कोचिंग संस्थान चलाने के लिए एक्साइज विभाग, श्रम विभाग व रजिस्टर्ड एनजीओ में पंजीयन कराना अनिवार्य होता है। जहां एक्साइज विभाग में न्यूनतम राशि 1 हजार से पंजीयन होता है, जो कि एक साल के लिए मान्य होता है।

पंजीयन के बाद विभाग द्वारा एक इन्कम टैक्स कार्ड संस्थान को इश्यू किया जाता है, जिसके आधार पर ही संस्थान को टैक्स भरना होता है। वहीं, श्रम विभाग द्वारा 10 साल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है, जबकि कोचिंग संस्थान में छात्रों के हको व मांग को लेकर क्षेत्र के रजिस्टर्ड समाजिक संस्था में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जहां समाजिक संस्था कोचिंग संस्थान द्वारा उल्लेख की जा रही सुविधाओं को ऑडिट करती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि पोहरी विकासखंड में तीनों विभागों की पात्रता रखने वाला एक भी कोचिंग संस्थान नहीं है। 

कोचिंग संस्थानों को यह रखना जरुरी

*कोचिंग संचालक उपस्थित रजिस्टर रखें

*छात्रों का डाटा अपडेट रखें

*आय-व्यय का लेखा जोखा अंकित करें

*छात्रों की फीस अंकित कर उसकी रसीद की एक कॉपी अपने पास रखें

*कोचिंग संचालक अपना पंजीयन कराएं

-*छात्रों का पहचान पत्र लें

*छात्रों के नाम व पता के लिए अलग से रजिस्टर मेंटेनेंस करें

*शासकीय शिक्षक से कोचिंग में क्लास न लगवाएं

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