शिवपुरी - नगर के वरिष्ठ साहित्यकार, शिक्षक, अद्वितीय कवि, पर्यावरणविद् व एक श्रेष्ठ छायाकार हरि उपमन्यू आज हमारे बीच नहीं है। नैतिकता, मानवता, आत्मीयता, वधुत्व सदैव ही आपके जीवन के आदर्श रहे। आपने समाज सेवा के क्षेत्र में हमेशा ही अपने सर्वस्व न्यौछावर किया। उक्त बात आज दुर्गामठ में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में फोटो ग्राफर संघ के अध्यक्ष द्वारा व्यक्त किए गए। श्री जोशी ने आगे कहा कि एक कवि के तौर पर आपकी विभिन्न कृतिया कालान्तर में प्रकाशित हुई। जो कि अमूल्य धरोहर के रूप में सदैव ही हमारे पास सुरक्षित रहेंगी। आपने पर्यावरणीय संतुलन के लिए अतुल्य प्रयास किए व जागरूकता को जन साधारण तक पहुंचाने में भी योगदान दिया जिसके लिए पूरा नगर सदैव ही ऋणी रहेगा। बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री उपमन्यु ने फोटो ग्राफी के क्षेत्र में भी अतुलनीय योगदान दिया। आपने अपनी वैज्ञानिकता, रचनात्मकता व कल्पना शक्ति के आधार पर अपरिहार्य योगदान दिया व नए आयामों का सृजन किया। सिंधिया परिवार में विजयाराजे सिंधिया की फोटो ग्राफी की व माधवराव सिंधिया के शादी समारोह की ऐतिहासिक फोटो ग्राफी की। मडीखेड़ा पर आपने डाक्यूमेंट्री का निर्माण किया व सिंध नदी को आधार बनाकर सिंध तीर बनाया विद्धान नायक पुस्तक की रचना की। श्री उपमन्यू जी के लिए इन सभी बातों को उल्लेख करने के बाद एक ही विचार मेरे मन में आता है। अंत शरीर का होता है, विचारों का नहीं। आपके द्वारा दी गई सभी शिक्षाओं को हम अपने जीवन में प्रवेश देंगे। इसी आशा व विश्वास के साथ इन पंक्तियों के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहूंगा।