नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले कांग्रेस ने महिला आरक्षण बिल को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की सियासी रणनीति अपनाई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि भाजपा-एनडीए के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है और अब वक्त आ गया है कि महिला आरक्षण बिल पारित कराया जाए। साथ ही राहुल ने बिल पास कराने के लिए कांग्रेस के बिना शर्त समर्थन की पेशकश भी की है।
संसद सत्र में महिला आरक्षण बिल पर सियासत गरमाने की कांग्रेस की तैयारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक तरफ राहुल ने पत्र लिखा तो दूसरी तरफ महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव की अगुवाई में पार्टी के महिला मोर्चे ने बिल पारित कराने की मांग करते हुए मार्च निकाला। पीएम को लिखे पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 2010 में राज्यसभा से पारित होने के बाद से महिला आरक्षण बिल अटका है।
राहुल ने कहा है कि इसमें देरी हुई तो महिला आरक्षण बिल का लाभ आधी आबादी को अगले लोकसभा चुनाव में नहीं मिल पाएगा। उन्होंने भाजपा के 2014 के चुनावी वायदे में महिला बिल शामिल होने की बात कहते हुए महिला सशक्तीकरण को लेकर पीएम को उनके बयानों की याद भी दिलाई है। राहुल ने कांग्रेस की ओर से महिला आरक्षण बिल के समर्थन में 32 करोड़ महिलाओं व पुरुषों के हस्ताक्षर जुटाने की बात कहते हुए पीएम से आग्रह किया है कि बिल पारित कराने में अब और देरी न हो, यह सुनिश्चित करें।
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