पोहरी। पोहरी मुख्य चौराहे से हर रोज दर्जनों की संख्या में रेत से भरे ट्रकों का निकलना बदस्तूर जारी है परंतु उनके खिलाफ कोई कार्यवाही जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा नहीं की जा रही है। यहां आलम यह है कि वनविभाग के चेक पोस्ट पर कुछ प्रायवेट लोगों के द्वारा वकायदा रजिस्टर में सूची बनाकर रेत के वाहनों की संख्या, उनके नंबर आदि नोट किये जाते हैं। ताकि कोई भी रेत से भरा वाहन बिना एडवांस सुविधा शुल्क दिये गुजरने न पाये। शिवपुरी श्यापुर रोड से हर रोज सैंकडों की संख्या में रेत से भरे वाहनों का निकलना लगातार जारी है जिसने के खिलाफ स्थानीय प्रशासन ने अपनी आंखें मूंद रखी हैं है और उन पर कोई भी कार्यवाही न किया जाना सवालों को जन्म देता है कि आखिर क्यों इन ओवरलोड रेत के वाहनों पर कार्यवाही नहीं की जाती है।
जानकारी के अनुसार राजस्थान बार्डर के बनास घाट श्योपुर की ओर से ग्वालियर और गुना की ओर लगभग 45 से 50 रेत के वाहन गुजरते हैं, जिनमें भारी मात्रा में रेत भरी हुई रहती है। नियमानुसार इन वाहनों को सडक से गुजरने ही नहीं देना चाहिये क्योंकि जहां एक ओर क्षमता से अधिक रेत भरी होने से राजस्व की हानी होती है वहीं दूसरी ओर नवनिर्मित सडक को भी इनसे नुकसान हो रहा है। सूत्रों के अनुसार चेकपोस्ट पर इन वाहनों से राशि वसूलकर हरी झंडी दे दी जाती है। एक वाहन से 300 से 500 रू की वसूली जाती है जिसका मोटा हिस्सा अधिकारियों की जेब में भी जा रहा है। जिन ओवरलोड वाहनों को जब्त किया जाना चाहिये उन्हे कुछ पैसों के लालच में छोडा जा रहा है, और पोहरी में चर्चा है कि स्थानीय प्रशासन रेत के वाहनों से अवैध वसूली कराने में लगा हुआ है।
बैराड़ में खदान स्वीकृत ही नहीं, फिर भी हो रहा अवैध उत्खनन
बैराड़ के पार्वती नदी पर शासन द्वारा कोई भी रेत की खदान स्वीकृत नहीं हैं। बावजूद इसके यहां पर पार्वती नदी के फुलीपुरा, खरई, ऐंचवाड़ा, रायपुर, हर्रई, सांपरवाड़ा, ऊंची बरौद, बगौदा और गुरिच्छा के 9 घाटों से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यहां पर जेसीबी मशीन या पनडुब्बी नहीं, बल्कि मजदूरों के जरिए रेत का अवैध उत्खनन किया जाता है और ट्रैक्टर ट्रॉलियों से प्रतिदिन करीब 200 ट्रॉली रेत निकालकर बाजारों में खपाई जा रही है। यहां पर एक ट्रॉली रेत छनी हुई 1800 रुपए तो बिना छनी हुई रेत के 1400 रुपए वसूले जाते हैं, जबकि इस रेत को बाजार में 4 से 5 हजार रुपए प्रति ट्रॉली के हिसाब से बेचा जा रहा है।
सूचना के बाद भी नहीं होती कार्यवाही
रेता भरकर ला रहे वाहनों में रायल्टी के अनुसार मात्र 9 घन मीटर रेत ही भरी जानी चाहिये परंतु इन ट्रकों में 15 से 18 घन मीटर रेता भरकर लायी जा रही है। जो कि पूरी तरह से अवैध है। ऐसा नहीं है कि इनके बारे में प्रशासन और खनिज विभाग के अधिकारियों जानकारी नहीं है कई बार स्थानीय नागरिकों खनिज विभाग के अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी कार्यवाही नहीं की गई। जिससे यह साफ हो जाता कि अवैघ वसूली में कहीं न कहीं अधिकारियों की भी मिलीभगत शामिल है।