राजनीतिक हलचल-मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बीच मदारी और डमरू को लेकर जंग छिड़ गई है*
कमलनाथ ने जहां शिवराज सिंह चौहान को मदारी बताया, वहीं शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए खुद को ऐसा मदारी बताया जिसके डमरू बजाते ही बिजली के बिल शून्य हो जाते हैं
शिवराज सिंह चौहान खुद को मध्यप्रदेश को बदल डालने वाला मदारी बताते हैं पहले के चुनावों में वे किसी मदारी की तरह ही जादू भी करते रहे हैं और भाजपा को तगड़ी सफलता दिलाते रहे हैं
हालांकि कमलनाथ शिवराज सिंह के डमरू की अलग व्याख्या करते हैं उनका कहना है कि शिवराज ने पिछले 13 वर्षों में ऐसा डमरू बजाया कि प्रदेश को विकास की बजाय बलात्कार, किसानों की आत्महत्या, बेरोजगारी, कुपोषण, रेत के अवैध उत्खनन और भ्रष्टाचार में देश में नंबर वन बना दिया है उनके इस आरोप में सच्चाई भी है, लेकिन मदारी बने शिवराज का चमत्कार यही है कि वे सारी असफलताओं को चुनाव में सफलताओं में बदलते रहे हैं
अब सवाल ये है कि 2018 के विधानसभा चुनावों में क्या शिवराज सिंह चौहान फिर से डमरू बजाने में कामयाब होंगे और भाजपा को लगातार चौथी बार सत्ता में ला सकेंगे
इस सवाल का जवाब कांग्रेस की क्षमता पर भी निर्भर करता है कांग्रेस ने पुराने प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव को ऐन चुनावों के वक्त किनारे कर दिया और मुख्यमंत्री बनने के लालायित दिख रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया की छवि से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं
कमलनाथ को भी बड़े मुश्किल वक्त में कांग्रेस की कमान मिली है, जिसमें दिग्विजय सिंह, अजय सिंह, अरुण यादव अलग-थलग पड़े हैं, और सिंधिया खुद को उभारने में लगे हैं।
देखा जाए तो शिवराज सिंह के डमरू का जादू कांग्रेस की इसी अंदरूनी लड़ाई में छिपा है इस स्थिति को कांग्रेस संभाल ले तो शिवराज का डमरू धरा रह जाएगा वरना तो शिवराज का डमरू बजना तय ही है।