शिवपुरी।शिवपुरी ज़िले में शासकीय विद्यालयों का हाल भगवान भरोसे संचालित है। शिक्षक अपनी मनमर्जी से विद्यालय आते है और जब मर्जी होती है चले जाते है।यहां खामियां की बात हम नही कर रहे रहा है बल्कि शिक्षा विभाग के अधिकरियों के निरीक्षण में खुलकर सामने आ रही है।
यदि शिक्षा विभाग की बात करे तो इन शिक्षकों को कलेक्टर मैडम का भी भय नही रह है। तो शिक्षा विभाग के अधिकरी क्या करेंगे। पोहरी क्षेत्र में अधिकांश विद्यालय हमेशा बन्द रहते है जिनकी शिकायत अधिकरियों से लेकर जिले के आला अधिकरियों को भी कर चुके है शिकायत के बाद हालात सुधारने की जगह बिगड़ गए है जिले के शिक्षा विभाग के जिलाधिकरी व डीपीसी द्वारा भी ओखईपटा माध्यमिक विद्यालय जो महीने में एक या दो बार ही खुलता है इसका निरीक्षण कर चुके है पर आज तक विद्यालय में पदस्थ शिक्षिका पर कार्रवाई की बात ही नही हुई। क्योंकि अधिकारी निरीक्षण में कार्रवाई कम जेब गरम ज्यादा करते है
ग्राम वासियो को तो अब कलेक्टर मैडम से ही आस है कि पोहरी क्षेत्र के विद्यालयो पर ध्यान देकर सुधार कर सके।
डीपीसी शिरोमणि दुबे के सामने प्राथमिक विद्यालय गणेशखेड़ा के भ्रमण के दौरान सामने आई। जिसमे बच्चे बोले हमारी बड़ी मैडम तो बालाजी बस का टाइम होते ही स्कूल से रवानगी डाल देती है। और बाइक पर बैठकर आने वाले दोनों शिक्षक तो महज 20 मिनिट से ज्यादा स्कूल में रुकते ही नहीं है। यह खुलासा डीपीसी शिरोमणि दुबे के सामने प्राथमिक विद्यालय गणेशखेड़ा के भ्रमण के दौरान सामने आई। जिस पर इन शिक्षकों के विरुद्ध अब अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात डीपीसी कह रहे है।
स्कूलों के निरीक्षण क्रम में जब प्राथमिक विद्यालय गणेशखेड़ा में जब शिक्षा विभाग की टीम निरीक्षण को पहुंची तो वहां देखा कि शाला 3 बजकर 55 मिनिट पर ही बंद हो चुकी है। और स्टाफ मौजूद नहीं है। जबकि सरकारी स्कूल के बंद होने का समय ही 4.30 का होता है।इस पर टीम ने जब पड़ौस में देखा तो वहां मकान में हर्ष कोचिंग चल रही थी,जहां जय कुमार लोधी कोचिंग पढ़ा रहे है। जिसमें सरकारी स्कूल के बच्चे पढ़ रहे थे। डीपीसी की माने तो उन्होंने जब वहां पढ़ रहे कक्षा 4 के छात्र राहुल,ललिता,अविलेश आदि से पूछा कि यहां क्यों पढ़ रहो क्या तुम सरकारी स्कूल के छात्र हो तो छात्र बोले कि हां,वह तो रोज यहीं पढ़ते है। मेडम गीता कौशल शिवपुरी से पढ़ाने आती है वह बालाजी बस से वापस चली जाती है,जबकि दो शिक्षक श्रीपाल सिंह सिकरवार,ब्रिजेंद्र परिहार बाइक से स्कूल आते है और वह स्कूल में मात्र 20 मिनिट ही रुकते है। इस पर डीपीसी ने तीनों शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का नोटिस देने की बात कही।
बच्चों से स्कूल खुलने की जानकारी लेते डीपीसी शिरोमणि दुबे।
बिना स्वीकृत मेडिकल अवकाश पर थे शिक्षक
डीपीसी शिरोमणि दुबे ने बताया कि वह 4 बजकर 10 मिनिट पर जब खनियाधाना के कन्या माध्यमिक विद्यालय पहुंचे तो वह खुला मिला। यहां दर्ज 504 छात्रों में से 312 छात्र मौजूद मिले जब 7 शिक्षकों में से 5 शिक्षक ही मौजूद मिले। और एक शिक्षक अवकाश पर था, जबकि यहां पदस्थ शिक्षिका भरदेलिया के बारे में बताया कि मेडिकल अवकाश पर है,जब इस बारे में फोन लगाकर डीपीसी ने संकुल पर पूछा तो यहां किसी प्रकार का मेडिकल अवकाश नहीं लेना बताया। जिस पर मेडम को अनुपस्थित मान कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही गई।
डीपीसी के सामने ही हाजिरी भरने लगे शाला प्रभारी
डीपीसी का दल जब प्राथमिक विद्यालय भोड़न पहुंचे तो वहां मौजूद 3 में से सिर्फ 2 शिक्षक ही मौजूद मिले। दोपहर 3.15 बजे जब सहायक शिक्षक जगदीश दांगी की जानकारी ली तो वह 17 जुलाई से अनुपस्थित नजर आए। यही नहीं यहां दर्ज 58 बच्चों में से मात्र 9 बच्चे ही मौजूद मिले। खास बात यह है कि यहां शाला प्रभारी शिवराम सिंह डीपीसी के सामने ही 3.15 पर हाजिरी भरते दिखे। जब उनसे बेस लाइन टेस्ट की जानकारी मांगी तो वह रिकार्ड नहीं दिखा सके। यही नहीं यहां जो बच्चों के नि:शुल्क बंटने आई पुस्तकें भी गीली मिली जिन्हें सलीके से न रखना पाया गया। और यही हाल सामने चल रही माध्यमिक शाला का मिला यहां पदस्थ रचना सोनी स्कूल में मौजूद नहीं थी और स्कूल पर ताला पड़ा था।
अनुपस्थित शिक्षकों पर कार्रवाई तय है
हम उन स्कूलों का निरीक्षण करने गए जहां अक्सर कोई नहीं जाता और इन स्कूलों का निरीक्षण में शिक्षकों की अनुपस्थिति के साथ अनियमितताएं मिली है। जिन पर कार्रवाई होना तय है। शिरोमणि दुबे,डीपीसी शिवपुरी