सचिन मोदी खनियांधाना -इन दिनों खनियाधाना तहसील पर अपनी खेती , जमीन की खसरा खतौनी की नकल निकलवाने आए हुए किसानों के साथ जबरन सौ सौ रुपए वसूलने का मामला चर्चा में है । बावजूद इसके आये दिन लिंक फैल होने के कारण सैकड़ो किसानों को दिन-दिन भर बैठ कर इंतजार भी करना पड़ता है और रुपए भी देने पड़ते हैं तब जाकर उनको खसरा खतौनी की नकल मिल पा रही है । इस संबंध में शिकायत करते हुए पीड़ित कई किसानों ने बताया की जिस खसरा खतौनी की नकल में अनुमोदना लगती है उस नकल के नाम पर सौ रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं जबकि चाहे सादा नकल हो या अनुमोदित नकल हो सभी का शासकीय रेट बराबर है ।
जानकारी करने पर पता चला कि जिन जमीनों के कागजों में कोई परिवर्तन , सुधार कार्य होता है ,भू स्वामी के नाम की मात्रा आदि गलत होती है अथवा बंधक रखे जाने के बाद मुक्त होती है ऐसी जमीनों की नकल निकलवाने में तहसीलदार का अनुमोदन लगता है । जिस पर ऑपरेटरों द्वारा आवेदन रख लिया जाता है तथा तहसीलदार के आने के बाद ही उनके अनुमोदन के बाद ही वह नकल देने को कहा कहा जाता है तथा इसके नाम पर सौ रुपये अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं । जबकि तहसीलदार का कहना है वह तो स्वयं अनुमोदित नकलों के लिए प्रतिदिन सुबह जल्दी तथा देर शाम को सभी फाइलें निपटा देते हैं ताकि किसानो को परेशानी ना हो ।
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इनका कहना है :-
" यह बात सही है कि नेट की समस्या के कारण पिछले तीन चार दिनों से खसरा खतौनी की नकल निकलने में परेशानी आ रही है लेकिन यदि मेरे द्वारा अनुमोदन के नाम पर तहसील कार्यालय के किसी भी कर्मचारी द्वारा रुपयों की मांग की जा रही है तो मैं इसकी तुरंत जांच कराता हूं तथा यदि कोई दोषी पाया गया तो उस पर कार्यवाही की जाएगी "
- कैलाश मालवीय
प्रभारी तहसीलदार , खनियांधाना